नई दिल्ली:अब भारतीय डॉक्टरों ने भी मान लिया है कि मलेरिया के उपचार में इस्तेमाल हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का कोरोना वायरस के उपचार में प्रभाव नहीं हो रहा है. दिल्ली एनसीआर के 5 मैक्स अस्पताल और मुंबई के दो अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कोरोना वायरस के असर को लेकर हुए अध्ययन में ये खुलासा हुआ है. जिसे जर्नल ऑफ द एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (जेएपीआई) के जुलाई अंक में प्रकाशित किया गया है.
आईसीएमआर ने पहले ही कर दी थी घोषणा
कोरोना महामारी की शुरूआत से ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा दुनिया भर की सुर्खियों में है. हालांकि इसे लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बीते 23 मार्च को ही दिशा निर्देश जारी करते हुए एचसीक्यू दवा को रोगनिरोधक माना था. लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य कर्मचारियों, पुलिस जवानों को वायरस से बचाव के लिए ये दवा दी जाती रही है. लेकिन अब 23 मार्च से 30 अप्रैल के बीच स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हुए अध्ययन में पता चला है कि एचसीक्यू ने संक्रमण को रोकने में कोई भूमिका नहीं निभाई.
इन 7 अस्पतालों में हुआ अध्ययन