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WhatsApp privacy policy: सुनवाई के दौरान HC ने कहा - अगर दिक्कत है तो इस्तेमाल नहीं करें - व्हाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी

याचिका वकील चैतन्य रोहिल्ला ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी किसी युजर की सभी ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है. याचिका में कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में युजर्स को कंपनी के रहमोकरम पर भी निर्भर रहना होगा.

Hearing on petition filed against WhatsApp new privacy policy in delhi high court today
व्हाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई आज

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Published : Jan 18, 2021, 10:07 AM IST

Updated : Jan 18, 2021, 4:23 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने व्हाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि व्हाटस ऐप एक निजी ऐप है और अगर याचिकाकर्ता को दिक्कत है तो उसका इस्तेमाल नहीं करें. हाईकोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 25 जनवरी को करेगा.


'व्हाट्स ऐप पूरी तरह से उपयोग के लिए सुरक्षित है'
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि व्हाट्स ऐप सब कुछ इकट्ठा करता है और उसको विश्व स्तर पर साझा करता है. याचिकाकर्ता ने कहा कि ब्रिटेन और अमेरिका में व्हाट्स ऐप नई प्राईवेसी पॉलिसी के इस्तेमाल के लिए ऑप्शन देता है लेकिन भारत में इसके इस्तेमाल के लिए कोई आप्शन नहीं दिया. इस पर व्हाट्स ऐप की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि ऐप पूरी तरह से उपयोग के लिए सुरक्षित है. मित्रों और रिश्तेदारों के बीच सभी बाचतीत एन्क्रिप्लेट हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि केवल व्हाट्स ऐप ही नहीं बल्कि सभी प्लेटफार्म ऐसा कर रहे हैं. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आपको पता है कि गूगल मैप भी डाटा शेयर करता है. क्या आपने व्हाट्स ऐप की शर्तों को पढ़ा है.


व्हाटस ऐप ने कोर्ट को ई-मेल किया था
15 जनवरी को जस्टिस प्रतिभा सिंह ने इस मामले को लेकर कोर्ट को भेजे गए ई-मेल पर आपत्ति जताते हुए अपने को सुनवाई से अलग कर लिया था. दरअसल ई-मेल व्हाट्स ऐप की ओर से कोर्ट को भेजा गया था. इस ई-मेल में कहा गया था कि जस्टिस प्रतिभा सिंह इससे जुड़े मामले में बतौर वकील पहले पेश हो चुकी हैं. हालांकि व्हाटस ऐप ने इस ई-मेल को वापस ले लिया था.

'सभी ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखा जाएगा'


याचिका वकील चैतन्य रोहिल्ला ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी किसी युजर की सभी ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है. याचिका में कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में युजर्स को कंपनी के रहमोकरम पर भी निर्भर रहना होगा. याचिका में व्हाटस ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है.

'केंद्र अपने अधिकारों का उपयोग करे'
याचिका में मांग की गई है कि व्हाट्स ऐप की प्राईवेसी पॉलिसी को मौलिक अधिकारों के मुताबिक तय करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं. केंद्र सरकार इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 79(2)(सी) और धारा 87(2)(जेडजी) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए ये सुनिश्चित करे कि व्हाट्स ऐप किसी भी युजर का डाटा किसी भी तीसरे पक्ष या फेसबुक को किसी उपयोग के लिए शेयर नहीं करे.


फेसबुक से डाटा शेयर करेगा व्हाटस ऐप
व्हाटस ऐप की प्राईवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो युजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है. अगर व्हाटस ऐप युजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है इसका मतलब है कि वो हर सेकंड युजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वो फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा. ऐसा करना गैरकानूनी है. व्हाटस ऐप के युजर एक-दूसरे को संदेश देने के लिए उसका उपयोग करते हैं, लेकिन अगर उन सूचनाओं का उपयोग किसी पक्ष से करना गैरकानूनी है.


Last Updated : Jan 18, 2021, 4:23 PM IST

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