नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों से जुड़े शिव विहार के राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूक को ट्रायल कोर्ट से एक मामले में मिली जमानत को निरस्त कर दिया है. ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने याचिका दायर की थी. जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने ये फैसला सुनाया है.
पिछले 18 अगस्त को कोर्ट ने कहा था कि छह स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति के बाद अब इस बात पर विराम लग गया है कि दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कौन करेगा. सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर रजत नायर ने कहा था कि दिल्ली दंगों के मामले से जुड़े मामलों की पैरवी के लिए पिछले 30 जुलाई को छह पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट की ओर से फैसल फारूक की जमानत पर मिली रोक के हटाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दिया है.
केंद्र और दिल्ली सरकार के वकीलों में बहस हुई थी
पिछले 2 जुलाई को दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील और केंद्र सरकार के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई थी. उसके बाद जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने फैसल फारूक की जमानत पर लगी रोक को हटाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो पुलिस का प्रतिनिधित्व कौन करेगा इसे लेकर अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें.
'ट्रायल कोर्ट का फैसला गलत'
पिछले 1 जुलाई को दिल्ली पुलिस की ओर से एएसजी अमन लेखी ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत देने का फैसला सही नहीं है. इसलिए उस आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए. पिछले 22 जून को कोर्ट ने फैसल फारूक को नोटिस जारी किया था.