नई दिल्ली:2015 के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बेतरतीब से फैले कूड़े-कचरे और 2 कूड़े के पहाड़ों, गाजीपुर और भलस्वा का जिक्र करते हुए इस दिशा में काम करने की बात कही थी. 5 साल बाद भी दिल्ली को न तो इन कूड़े के पहाड़ों से निजात मिली और ना ही कूड़ा निस्तारण की दिशा में ठोस कदम उठाए गए.
AAP ने कूड़ा निस्तारण पर काम करने का वादा किया था दिल्ली सरकार ने बीते पांच साल में कूड़ा निस्तारण की दिशा में क्या कुछ काम किया है, इसे लेकर हमने बातचीत की आम आदमी पार्टी नेता जैस्मीन शाह से. उन्होंने बताया कि वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में दिल्ली सरकार के पास सिर्फ नीतियां बनाने की जिम्मेदारी है, उन्हें जमीन पर उतारने का काम नगर निगमों का है, जो पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं.
'एमसीडी जिम्मेदार, लेकिन फेल'
जैस्मीन शाह ने बताया कि साफ सफाई के मामले में बीजेपी शासित एमसीडी नाकाम रही है. उन्होंने कहा-
एमसीडी की लापरवाही को इस बात से समझा जा सकता है कि बीते पांच साल में लाखों रुपये खर्च करके बनाए गए 80 प्रतिशत टॉयलेट आज भी बंद हैं. जबकि दिल्ली सरकार ने वर्ल्ड क्लास कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए, जो आज भी उसी तरह लोगों के लिए उपयोगी साबित हो रहे हैं.
दिल्ली को कूड़े से मुक्त करने का वादा तो आम आदमी पार्टी ने किया था, फिर एमसीडी पर ठीकरा क्यों
इस सवाल के जवाब में जैस्मीन शाह ने कहा कि हमने प्रस्ताव बनाया था कि इस क्षेत्र में दिल्ली सरकार को काम करने दिया जाए, लेकिन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव को नकार दिया. उपराज्यपाल ने कहा कि ये निगम का काम है और उसे करने दिया जाना चाहिए. दिल्ली सरकार केवल वित्तीय सहायता करे.
'एमसीडी को 1500 करोड़ ज्यादा दिए'
वित्तीय सहयोग की बात पर जैस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली को कूड़े की समस्या से निजात दिलाई जा सके, इसके लिए दिल्ली सरकार ने एमसीडी को डेढ हजार करोड़ रुपए ज्यादा दिए, लेकिन आज की तारीख में भी कूड़े की समस्या दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ और सिर्फ बीजेपी जिम्मेदार है.
'इलेक्ट्रिक वेस्ट के लिए बनी थी नीति'
इलेक्ट्रिक और केमिकल वेस्ट भी दिल्ली की बड़ी समस्या है. इस दिशा में दिल्ली सरकार ने क्या कुछ किया है, ये पूछने पर जैस्मीन शाह ने बताया कि दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वेस्ट को लेकर एक नीति बनाई थी, लेकिन एमसीडी ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया.