देहरादून: उत्तराखंड में इनामी अपराधियों की विशेष धरपकड़ अभियान के तहत एसटीएफ ने 4 हत्याओं में शामिल एक कुख्यात हत्यारे को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (डासना) से धर दबोचा है. मई वर्ष 2021 हरिद्वार में चौहरे हत्याकांड में शामिल तालिब उर्फ तालिब पुत्र इंसार निवासी खेड़ी खुर्द लक्सर के खिलाफ 10 हजार का इनाम घोषित है. घटना के बाद से अभियुक्त पिछले 2 साल से फरार चल रहा था. हाल फिलहाल वो गाजियाबाद में पहचान छुपाकर जेसीबी चालक का कार्य कर रहा था. गिरफ्तार अपराधी का नाम तालिब उर्फ तारीफ पुत्र इंसार निवासी खेड़ी खुर्द थाना लक्सर जिला हरिद्वार, उम्र करीब 28 वर्ष है.
पहचान बदलकर पुलिस को 2 साल से दे रहा था चकमा:STF के अनुसार गिरफ्तार 10 हजार का इनामी अभियुक्त तालिब हरिद्वार के चौहरे हत्याकांड के बाद पिछले 2 साल से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ठिकानों में पहचान बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था. मौजूदा समय में वह गाजियाबाद डासना में नाम बदल कर रह रहा है. इस बात की सटीक सूचना के आधार एसटीएफ की एक टीम द्वारा अभियुक्त को देर रात गिरफ्तार कर थाना लक्सर में दाखिल कराकर जेल भेज दिया गया है.
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चौहरे हत्याकांड का घटनाक्रम:STF के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्त तालिब ने अपने साथियों के साथ मिलकर 21 मई 2021 को हरिद्वार के खेड़ी खुर्द में जहीर हसन, मोहमद कैफ, सहजन आलम, हुसैन अहमद निवासी खेड़ी खुर्द में 4 लोगों की रंजिशन हत्या कर दी गयी थी. इस घटना के बाद अभियुक्त के फरार हो गया था.
टिहरी पुलिस ने वांटेड अपराधी किया गिरफ्तार: टिहरी पुलिस नेअफीम की खेती करने वाला व आठ माह से फरार 20,000 के इनामी वांछित अभियुक्त बलदेव सिंह पुत्र मान सिंह निवासी ग्राम खट्ट पोस्ट ऑफिस काटल थाना थत्यूड टिहरी गढ़वाल को गिरफ्तार किया किया है. इसके खिलाफ थाना थत्यूड में पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 12/22 धारा 8/18 NDPS ACT में तीन माह से फरार चल था. वांछित इनामी अपराधी बलदेव सिंह को दिनांक 14/12/2022 को डिग्री कॉलेज चौराहा थत्यूड के पास से गिरफ्तार किया गया.
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टिहरी एसएसपी नवनीत भुल्लर द्वारा गठित टीम ने अभियुक्त को गिरफ्तार करके पूछताछ की. अभियुक्त ने बताया कि ज्यादा पैसे कमाने के लालच में उसने पहली बार अफीम की खेती की थी. उसने चोरी छुपे गांव से बाहर रहने वाले लोगों की जमीनों पर भी खेती की थी. अफीम पर चीरा लगा दिया था और अब वह अफीम बेचने के लिए ग्राहकों की तलाश कर ही रहा था कि पुलिस ने खेती को नष्ट कर दिया. छुपने के बारे में बताया कि वह मुकदमा लिखे जाने के बाद से ही रिश्तेदारों के घरों और इधर-उधर छुप रहा था. नष्ट की गयी अफीम की अनुमानित कीमत करीब 3 लाख 15 हजार रुपये थी.