नई दिल्ली: 2017 में चुनाव प्रचार के दौरान एक महिला से कथित बदसलूकी के मामले में राज्यसभा सांसद संजय सिंह के पीए अजीत त्यागी और पार्टी समर्थक इनायतुल्लाह को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया है.
AAP सांसद संजय सिंह का पीए बरी एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने ये आदेश दिया। इस मामले में कोर्ट संजय सिंह को पिछले फरवरी महीने में ही बरी कर चुकी है.
2 अप्रैल 2017 की घटना
घटना 2 अप्रैल 2017 की है, जब तिलक नगर पुलिस थाने को सूचना मिली की एक महिला ने आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह को थप्पड़ मारा है. मौके पर जब पुलिस पहुंची तो वहां कुछ नहीं पाया. पुलिस को शिकायतकर्ता महिला मिली और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया.
अपने बयान में महिला ने बताया था कि वो आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता है. उस दिन आम आदमी पार्टी ने साढ़े 11 बजे दिन में एक रोड शो आयोजित किया था. जब रोड शो चौखंडी चौक पहुंचा तो वहां आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह पहुंचे.
महिला ने अपने बयान में क्या कहा
महिला के मुताबिक जब उसने संजय सिंह से बात करने की कोशिश की तो पार्टी के दूसरे कार्यकर्ता इनायतुल्लाह उनसे बात नहीं करने दे रहे थे. आरोप था कि इनायतुल्लाह ने उसे धक्का दिया. महिला ने ये भी बताया था कि संजय सिंह ने कहा था कि वो उसे देख लेंगे जिसके बाद उसने संजय सिंह पर थप्पड़ जड़ दिया.
बाद में उसी दिन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए महिला ने बताया कि वो वार्ड 6-एस की आम आदमी पार्टी की अध्यक्ष है. वो और उसका पति आम आदमी पार्टी के लिए काम करते हैं. उसने निर्वाचन के लिए फॉर्म भरा था लेकिन उसे टिकट नहीं दिया गया. उसे पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रीत पाल सिंह ने बुलाया और कहा कि उसे तिलक नगर के विधायक जरनैल सिंह टिकट दिलवा सकते हैं. उसने ये बात रिकॉर्ड कर ली थी और वो पार्टी के नेताओं को दिखाना चाहती थी.
महिला ने संजय सिंह को मारा था थप्पड़ !
उसने नेताओं से मिलने से कोशिश की लेकिन नेताओं ने टाइम नहीं दिया. रोड शो के दिन जब वो संजय सिंह से मिलना चाह रही थी तो उनके पीए अजीत त्यागी और इनायतुल्लाह ने नहीं मिलने दिया और उन्होंने धक्का दे दिया. इसी के बाद उसने संजय सिंह को थप्पड़ मार दिया.
महिला के मुताबिक संजय सिंह ने दी थी धमकी
महिला के मुताबिक उस वक्त संजय सिंह ने गुस्से में कहा था कि वो पागल हो गई है और उसे किसी मुन्ना भैया के जरिये देख लेने की धमकी दी थी.
महिला की इस शिकायत पर पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज नहीं की और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन की सलाह मांगी. पुलिस ने कहा था कि शिकायतकर्ता की शिकायत में कोई सबूत नहीं है.
एएसजी संजय जैन ने कहा था कि महिला ने जो आरोप लगाए हैं वो बदसलूकी का है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत दंडनीय और संज्ञेय अपराध है. इसलिए इस मामले में केस दर्ज करना अनिवार्य है. जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था.