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Neeraj Chopra: हारी बाजी कैसे पलटी, 'उस्ताद' ने अपनी उस्तादी से सिखाई

भारतीय स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने फिर कमाल किया है. उन्‍होंने वर्ल्‍ड एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप के बेहद रोमांचक मुकाबले में रजत पदक जीता है. इस दौरान उन्‍होंने अपने भाले से हारी बाजी को पलटने का सबक सिखा दिया. शुरुआती प्रयास में वह पदक से काफी दूर थे. लेकिन, उन्‍होंने हार नहीं मानी और मेडल अपने नाम किया.

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Published : Jul 24, 2022, 1:08 PM IST

हैदराबाद:हरियाणा के इस छोरे में वाकई कुछ तो बात है. रविवार सुबह कई भारतीयों की चाय कप में रखी-रखी ठंडी हुई होगी और मुकाबला जब खत्म हुआ, तो वह उसे जोश में गटक भी गए होंगे. World Athletics Championship में Neeraj Chopra ने जिस धड़कनें बढ़ा देने वाले करिश्मे के साथ देश को सिल्वर मेडल दिया, वह अब इतिहास है. उनका यह ऐतिहासिक प्रदर्शन हार न मानने और उसे जीत में बदलने की गाथा भी लिख गया.

बता दें, रविवार सुबह हाथ में भाला लेकर नीरज ने पहली दौड़ लगाई, करोड़ों भारतीयों की उम्मीदें और दुआएं उनके साथ थीं. उनसे करिश्मे की उम्मीद थी. माना जा रहा था ओलंपिक और क्वॉलीफाइंग राउंड की तरह वह पहले ही वार में बाकियों को चित कर देंगे. लेकिन यह क्या! पहला थ्रो फाउल हुआ. दिल टूटे, लेकिन उम्मीद अभी बाकी थी. सांसें रोक देने वाली असली पिक्चर इसके बाद शुरू हुई.

नीरज ने पहला राउंड पूरा होने के बाद दूसरी बार फिर दौड़ लगाई. लेकिन, भाला उम्मीद के मुताबिक नहीं गया. वह महज 82.39 मीटर ही फेंक पाए. धड़कनें अब और बढ़ गई थीं. ऐसा लग रहा था, नीरज आज अपने रंग में नहीं हैं. मेडल की उम्मीद धुंधली होती जा रही थी. तीसरे राउंड में नीरज ने जोर ज्यादा लगाया. भाला इस बार 86.37 मीटर तक गया, लेकिन यह मेडल तक पहुंचने के लिए नाकाफी था. तीसरे राउंड तक वह अब चौथे नंबर पर थे. उम्मीद जैसे खत्म हो चुकी थी. गोल्ड के लिए उन्हें 90 के पार जाना था, जो फेंककर एंडरसन पीटर्स नंबर वन पर थे.

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लेकिन करिश्मा इसके बाद हुआ, नीरज ने चौथे राउंड में वह किया, जिसे करिश्मा कहते हैं. उनके बाजुओं में चमत्कार करने की ताकत है, यह उन्होंने दिखाया. दिमागी ताकत को भी उन्होंने साबित किया. चौथी कोशिश में उन्होंने 88.13 मीटर तक भाला फेंका. यह उनके पिछले दिनों तोड़े गए नैशनल रेकॉर्ड से कम था, लेकिन 19 साल बाद जैवलिन थ्रो में एक चांदी का पन्ना जोड़ने में सफल रहे.

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हार नहीं मानूंगा वाला प्रयास...

  • पहला अटेम्‍प्‍ट- फाउल
  • दूसरा अटेम्‍प्‍ट- 82.39
  • तीसरा अटेम्‍प्‍ट- 86.37
  • चौथा अटेम्‍प्‍ट- 88.13
  • पांचवां अटेम्‍प्‍ट- फाउल

अब नीरज ने संदेश में क्या कहा...

नीरज चोपड़ा ने आज अंतिम समय तक लड़ने का सबक सिखा दिया. उन्‍होंने द‍िखाया अगर धैर्य बनाए रखा जाए तो कैसे हारी बाजी को पलटा जा सकता है. वर्ल्‍ड एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप के जैवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में नीरज की शुरुआत अच्‍छी नहीं हुई थी. ऊपर से एंडरसन पीटर्स ने अपने पहले ही प्रयास में 90 मीटर से ज्‍यादा भाला फेंककर दोहरा दबाव बना दिया था. हालांकि, नीरज ने धैर्य नहीं खोया. नीरज का दूसरा प्रयास भी फीका था. यह दूरी भी पदक के लिए नाकाफी थी. इस समय तक भारत में बैठे करोड़ों लोगों के चेहरे मुरझा चुके थे. उन्‍हें लगने लगा था कि शायद आज उनका स्‍टार फॉर्म में नहीं है. यह और बात है कि ओलंपिक के गोल्‍डन बॉय के मन में कुछ और ही चल रहा था. वह हार नहीं मानने वाले जज्‍बे के साथ मैदान में उतरा था.

नीरज ने कहा, आज हालात थोड़े ठीक नहीं थे, काफी हवा थी. लेकिन उम्मीद थी कि थ्रो लगेगा. मैंने आज मेडल जीता है तो अच्छा लग रहा है और अब अगले साल फिर इससे अच्छा करने की कोशिश करेंगे. देखने में यह भले ही आसान लगे, लेकिन एंडरसन ने निश्चित रूप से 90 मीटर की दूरी तय करने के लिए बहुत जोर लगाया होगा. इस साल वो दुनिया में सबसे आगे हैं. बहुत अच्छे थ्रो कर रहे हैं. उनके कई थ्रो 90 मीटर से ज्यादा रहे हैं. मैं उनके लिए खुश हूं कि उन्होंने काफी मेहनत की है. यह मेरे लिए भी अच्छा है और मेरे सामने अच्छी चुनौती है.

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