मनाली:शीतकालीन ओलंपिक खेलों की ल्यूज स्पर्धा में भाग लेने वाले पहले भारतीय शिवा केशवन को अर्जुन अवॉर्ड 2020 से सम्मानित किया गया है. शनिवार को राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा गया. हालांकि, इस बार खिलाड़ियों को पुरस्कार वर्चुअल तरीके से प्रदान किए गए.
आज, शनिवार को राष्ट्रीय खेल दिवस है. दिग्गज हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. 29 अगस्त को ही राष्ट्रीय खेल और साहस पुरस्कार भी दिए जाते हैं. कोरोना के कारण पहली बार खेल पुरस्कार वर्चुअल तरीके से दिए गए.
ऐसा पहली बार हुआ, जब खेल दिवस के मौके पर राष्ट्रपति भवन में अवॉर्ड सेरेमनी नहीं हुआ. कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. वहीं, पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी अपने अपने शहर के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सेंटर से कार्यक्रम में जुड़े. खेल मंत्री किरण रिजिजू और कुछ और महत्वपूर्ण मेहमान विज्ञान भवन से इस कार्यक्रम का हिस्सा बने.
शिवा केशवन शीतकालीन खेलों के ल्यूज स्पर्धा के खिलाड़ी हैं. 2017 में केशवन ने एशियाई ल्यूज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था. इसके अलावा केशवन ने 1998 से लेकर साल 2018 तक शीतकालीन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. वर्ष 2020 के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
शिवा केशवन स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिल्ली सेंटर में अवॉर्ड लेने पहुंचे. शिवा केशवन हाल ही में भारतीय ल्यूज महासंघ के मुख्य कोच बने हैं. अर्जुन अवॉर्ड मिलने से पूरे प्रदेश में और केशवन के गांव मनाली में खुशी का माहौल है. शिवा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए 10 पदक जीते हैं और कई विश्व एवं एशियाई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. केशवन ने 1998 से 2018 तक छह शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 2018 शीतकालीन ओलंपिक के बाद सन्यास लिया.
शिवा की मां इटली की हैं और पिता केरल निवासी हैं जो मनाली में रहते हैं. केशवन की माता रोशलवा, पिता सुधाकरन व शिवा के दोस्त विशाल मेहरा ने बताया कि अर्जुन अवॉर्ड जीत कर शिवा ने हिमाचल प्रदेश समेत मनाली का नाम रोशन किया है.
विंटर ओलंपिक गेम्स के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए नेशनल टेलेंट स्काउट नाम से कार्यक्रम चलाया गया है. इसके तहत गांव-गांव और स्कूलों में जाकर युवाओं को ल्यूज खेल से अवगत करवाना है. मनाली के बच्चों में भी शीतकालीन खेलों के प्रति बेहद जुनून है. ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना बड़े सम्मान की बात होती है. साल 1998 में 16 साल की उम्र में पहली बार विंटर ओलंपिक में ल्यूज खेल में भाग लेकर शिवा केशवन सबसे कम युवा ओलंपियन बने.
क्या है ल्यूज खेल ?
ल्यूज एक लकड़ी व प्लास्टिक से बनी पट्टी के आकार की स्की होती है जिस पर बैठकर बर्फ की परत पर फिसला जाता है. इसे ल्यूज खेल कहा जाता है. 2011 में मनाली के शिवा केशवन ने एशियन गेम्स में स्वर्ण हासिल कर घाटी के युवाओं का ध्यान इस खेल की ओर आकर्षक किया था. शिवा केशवन की लगन व रुचि से मनाली में इस खेल की लोकप्रियता बढ़ी है.