लंदन: राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डेविड ग्रेवेमबर्ग ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) प्रमुख नरिंदर बत्रा के राष्ट्रमंडल खेलों से हटने पर दिए गए बयान पर नाराजगी जताई है. बत्रा ने कहा था कि राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिस्पर्धा का स्तर इतना ऊंचा नहीं होता और भारत को अपने मानकों को सुधारने के लिए इनसे स्थाई रूप से हटने पर विचार करना चाहिए.
हालांकि, ग्रेवेमबर्ग ने बत्रा के बयान को खरिज करते हुए कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों का अपना महत्व है. उन्होंने ये भी कहा कि अब नवंबर में आईओए के साथ होने वाली उनकी बैठक अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.
ग्रेवेमबर्ग ने कहा,"मैं बत्रा के बयान से थोड़ा निराश एवं आश्चचर्यचकित हूं और उनके इस बयान के बाद 14 नवंबर को दिल्ली में सीजीएफ एवं आईओए के बीच होने वाली बैठक अधिक महत्वपूर्ण हो गई है."
2022 में इंग्लैंड में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं किया गया है जिसके बाद से ही सीजीएफ और आईओए में मतभेद जारी है. कई खिलाड़ियों ने बत्रा के राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार करने के बयान पर नाराजगी जताई है, लेकिन खेल मंत्रालय एवं राष्ट्रीय संघों ने इस पर कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है.
खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा,"हमें आईओए से ऐसा कोई प्रस्ताव या सुझाव नहीं मिला है. हम अभी समझ पा रहे हैं ये आईओए अध्यक्ष का अपना निजी विचार है. यदि वो औपचारिक रूप से कुछ भी तय करते हैं और हमारे पास आते हैं, तो हम देखेंगे कि आगे क्या किया जा सकता है."