नई दिल्ली:पिछले 16 महीनों में सिर्फ एक टेस्ट, तीन वनडे और एक भी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेल पाने वाले चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव के पास भारत की टी20 विश्व कप टीम में जगह बनाने का समय अब खत्म हो रहा है.
श्रीलंका में सीरीज, जिसमें तीन एकदिवसीय और तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय शामिल हैं, उनका आखिरी मौका हो सकता है, लेकिन उनके जैसे 'लय से बाहर' गेंदबाज के लिए, सफेद गेंद का प्रारूप कठिन हो सकता है.
इसके अलावा उसे छह मैचों में पांच अन्य स्पिनरों से मुकाबला करना है.
कुलदीप के लम्बे समय के कोच कपिल पांडे ने आईएएनएस से कहा, हम तीन डी के बारे में बात करते हैं जो एक खिलाड़ी को सफल बनाने में जाते हैं - अनुशासन, समर्पण और दृढ़ संकल्प. लेकिन हम दो डी को अनदेखा करते हैं - अवसाद और मनोबल - जो उस खिलाड़ी को प्रभावित कर सकता है जो टीम प्रबंधन से समर्थन नहीं प्राप्त कर रहा है और नहीं कर रहा है मौका दिया. कुलदीप के साथ यही हो रहा है.
पांडे ने कहा, कुलदीप को खेलने का बिल्कुल भी मौका नहीं मिला है. उसे समर्थन की जरूरत है. उसने ऑस्ट्रेलिया में (जनवरी, 2019 में सिडनी में चौथे टेस्ट में) पांच विकेट लिए थे, लेकिन उसके बाद उसे खेलने के लिए एक भी टेस्ट नहीं मिला.
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कलाई के स्पिनर ने एकदिवसीय मैचों में संघर्ष किया है, जिस प्रारूप में भारत रविवार से श्रीलंका में पहले खेलना है. उन्होंने पिछले 16 महीनों में तीन वनडे में 29 ओवर में 7.2 की दर से 209 रन दिए हैं. आखिरी वनडे में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 10 ओवर में 84 रन लुटाए.