तिरूवनंतपुरम :भारतीय टीम की निगाहें रविवार को श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और अंतिम वनडे में जीत से सीरीज क्लीन स्वीप करने पर लगी है. इस मैच में कप्तान रोहित शर्मा बल्लेबाजी लाइन-अप में कोई छेड़छाड़ नहीं करना चाहेंगे लेकिन वह गेंदबाजी विकल्पों को आजमाने की कोशिश कर सकते हैं.
भारत ने गुवाहाटी में आसान जीत के बाद कोलकाता में शीर्ष क्रम के चरमराने के बाद लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज कर सीरीज में अजेय बढ़त बनाई. अब खिलाड़ी दौरे के अंतिम मैच में भी इसी प्रदर्शन को जारी रखना चाहेंगे.
टीम इस मैच के बाद 72 घंटे से भी कम समय में बेहतर प्रतिद्वंद्वी न्यूजीलैंड से भिड़ेगी और श्रीलंका के खिलाफ इस सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप से खिलाड़ी आगामी सीरीज के लिए आत्मविश्वास से भरे होंगे.
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कार्यभार प्रबंधन के भले ही अपने फायदे हो लेकिन इसकी कुछ खामियां भी हैं जैसे खिलाड़ी को बीच-बीच में आराम देने से वह लय नहीं हासिल कर पाता. हो सकता है यही कारण हो कि भारतीय कप्तान अंतिम मैच में शीर्ष क्रम में ईशान किशन या मध्यक्रम में सूर्यकुमार यादव को नहीं खिलाना चाहें.
सभी शीर्ष पांच बल्लेबाज गेंदबाजों के मुफीद ग्रीनफील्ड्स स्टेडियम में श्रीलंकाई आक्रमण के खिलाफ और अधिक बल्लेबाजी करना चाहेंगे जिसमें आल राउंडर हार्दिक पंड्या भी शमिल हैं. इसलिए हो सकता है कि गेंदबाजी लाइन-अप में कुछ बदलाव हो.
भारत 14 दिन के अंदर ही छह 50 ओवर के मैच (तीन श्रीलंका और इतने ही न्यूजीलैंड के खिलाफ) खेलेगा तो मोहम्मद शमी का कार्यभार निश्चित रूप से भारतीय टीम प्रबंधन के लिए चिंता का मुख्य विषय होगा.
जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में उम्मीद है कि शमी बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी के दौरान भारतीय आक्रमण की जिम्मेदारी संभालें इसलिए उनका कार्यभार को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा जाएगा. अगर वह फिट रहेंगे तो उनके इन चार टेस्ट में 125 से 130 ओवर के करीब गेंदबाजी करने की उम्मीद है.