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Published : Apr 13, 2020, 3:39 PM IST

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आज ही के दिन भारत ने सुनील गावस्कर की कप्तानी में जीता था पहला एशिया कप, सुरिंदर खन्ना रहे थे इस टूर्नामेंट के हीरो

सुरिंदर खन्ना ने कहा कि, 'पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में पिच पर काफी घास थी और बल्लेबाजी करना आसान नहीं था. हम कपिल के बिना खेल रहे थे लेकिन हमें पता था कि अपने स्कोर का बचाव करने में सफल रहेंगे. हम पहले एशिया कप में ही चैंपियन बन गए थे. गावस्कर ने जब ट्रॉफी उठाई तो वह हमारे लिए यादगार पल था

1984 asia cup
1984 asia cup

नई दिल्ली: वह 13 अप्रैल 1984 का दिन था जब भारत ने सुनील गावस्कर की अगुवाई में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर पहली बार एशिया कप जीता था जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज सुरिंदर खन्ना की भूमिका अहम रही थी और उनके जेहन में 36 साल पुरानी घटनाएं आज भी तरोताजा हैं.

भारत ने यह टूर्नामेंट एक साल पहले टीम को विश्व चैंपियन बनाने वाले कपिल देव के बिना खेला था. वह तब शारजाह में थे लेकिन उन्हें घुटने के आपरेशन के लिए इंग्लैंड जाना था.

भारत ने पहले मैच में श्रीलंका को दस विकेट से हराया. भारत ने मदनलाल, चेतन शर्मा और मनोज प्रभाकर की शानदार गेंदबाजी से श्रीलंका को 96 रन पर ढेर कर दिया. इसके बाद खन्ना (नाबाद 51) और गुलाम परकार (नाबाद 32) ने टीम को आसान जीत दिलाकर फाइनल में पहुंचाया था.

भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी सुरिंदर खन्ना

खन्ना ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, "मैं तब वापसी कर रहा था. सैयद किरमानी भी पंद्रह सदस्यीय टीम में शामिल था, लेकिन गावस्कर ने मुझे अंतिम एकादश में रखने का फैसला किया. मैं 1979 विश्व कप के बाद वापसी कर रहा था और इसलिए मेरे लिये यह टूर्नामेंट बेहद महत्वपूर्ण था. मैं वापसी के बाद पहले मैच में ही मैन आफ द मैच बना तो पूरी टीम ने उसका जश्न मनाया. इनमें कपिल भी शामिल था."

भारत का सामना फाइनल में पाकिस्तान से था. भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और निर्धारित 46 ओवरों में चार विकेट पर 188 रन बना सलामी बल्लेबाज खन्ना ने फिर से अपने बल्ले का कमाल दिखाया और 56 रन बनाए. उनके अलावा संदीप पाटिल ने 43 और गावस्कर ने नाबाद 36 रन बनाए. पाकिस्तान की टीम इसके जवाब में 39.4 ओवर में 134 रन पर आउट हो गई.

रोजर बिन्नी और रवि शास्त्री ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि चार बल्लेबाज रन आउट हुए.

सुनील गावस्कर 1984 एशिया कप जीतने के बाद

खन्ना ने कहा, "पिच पर काफी घास थी और बल्लेबाजी करना आसान नहीं था. हम कपिल के बिना खेल रहे थे लेकिन हमें पता था कि अपने स्कोर का बचाव करने में सफल रहेंगे. हम पहले एशिया कप में ही चैंपियन बन गए थे. गावस्कर ने जब ट्रॉफी उठाई तो वह हमारे लिए यादगार पल था. मुझे टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था, मेरे क्रिकेट करियर का यह महत्वपूर्ण क्षण था."

भारत ने इसके एक साल बाद दस मार्च 1985 को मेलबर्न में भी गावस्कर की अगुवाई में पाकिस्तान को फाइनल में आठ विकेट से हराकर क्रिकेट विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था.

सुरिंदर खन्ना

जहां तक एशिया कप की बात है तो भारत अब तक रिकॉर्ड सात बार यह टूर्नामेंट जीत चुका है. इस बीच 2016 में इसे टी20 टूर्नामेंट के रूप में आयोजित किया गया. अगला एशिया कप इस साल सितंबर में खेला जाना है लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं.

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