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धोनी सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर नहीं थे लेकिन 2005 की एक पारी ने उनकी जिंदगी बदल दी: नेहरा - विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एम एस धोनी ने 15 साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ आज ही के दिन अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक लगाया था. पूर्व गेंदबाज आशीष ने उनकी इस पारी को यादगार बताया है. उन्होंने कहा कि धोनी की उस पारी ने भारतीय टीम को विश्वास दिलाया था कि हमारे पास भी एक जबरदस्त विकेटकीपर बल्लेबाज है.

Ashish Nehra, MS Dhoni, Team India
Ashish Nehra, MS Dhoni, Team India

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Published : Apr 5, 2020, 1:31 PM IST

हैदराबाद: एमएस धोनी ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक 15 साल पहले विशाखापट्टनम में पाकिस्तान के खिलाफ लगाया था. उन्होंने 123 गेंदों पर 148 रनों की पारी खेली और आशीष नेहरा के चार विकेट की मदद से भारत ये मैच 58 रन से जीतने में कामयाब रहा. आशीष नेहरा ने कहा कि धोनी की उस पारी ने भारत को विश्वास दिलाया कि उनके पास भी एक अच्छा विकेटकीपर बल्लेबाज हो सकता है. उससे पहले टीम केवल राहुल द्रविड़ पर ही निर्भर थी.

विकेट लेने के बाद जश्न मनाते हुए भारतीय खिलाड़ी

बल्लेबाजी ने धोनी की टीम में जगह पक्की की

नेहरा ने एक वेबसाइट को बताया, "उनकी बल्लेबाजी ने उनके लिए एक मजबूत पक्ष बना दिया, जिसने भारतीय टीम में उनकी जगह मजबूत कर दी." धोनी ने अपने शुरुआती मैचों में शानदार प्रदर्शन नहीं किया था लेकिन जब उनके जैसा एक आत्मविश्वास से भरा व्यक्ति मौका पाता है और उसे भुनाता है. तो फिर उसे वापस खींचना कठिन है.

आत्मविश्वास पर भरोसा धोनी की ताकत

एमएस धोनी

उन्होंने कहा, "आत्मविश्वास पर भरोसा धोनी की ताकत है. वह पारी ऐसी थी जैसे उन्होंने खून का स्वाद चख लिया था. उन्होंने उस पारी के बाद शायद ही कभी नंबर 3 पर बल्लेबाजी की लेकिन उन्होंने उस दिन एक झलक दिखाई थी. उस सीरीज में हमने बाकी के चार मैच गंवाए लेकिन हमने धोनी की खोज की.''

महेंद्र सिंह धोनी

नेहरा ने कहा कि धोनी उस समय विकेटकीपिंग कौशल में समकालीन दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल से पीछे थे, लेकिन वह उनमें से सबसे अच्छे विकेटकीपर-बल्लेबाज थे. जब वह पहली बार आए थे तब सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर नहीं थे.

पंत में दिखती है धोनी की झलक

ऋषभ पंत

उनके सामने खेलने वाले सभी खिलाड़ी वास्तव में अच्छे थे.वह निश्चित रूप से किरण मोरे या नयन मोंगिया नहीं थे. इसलिए ऐसा नहीं है कि वह विकेटकीपर के रूप में अपने समकालीन खिलाड़ियों से आगे थे, लेकिन उन्होंने खुद को एक बेहतर पैकेज बनाया. उनके अनुशासन, जुनून, रचना और आत्मविश्वास ने उन्हें अलग बना दिया.

नेहरा ने कहा कि ऋषभ पंत एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें वह धोनी के करीब आने में सक्षम मानते हैं, जिनकी मौजूदा मुसीबतें नेहरा को धोनी की शुरुआती दिनों की याद दिलाती हैं.

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