मुंबई : दक्षिण भारतीय अभिनेता सूर्या ने कहा कि उनकी अगली फिल्म ‘जय भीम’ सिर्फ एक मनोरंजक फिल्म नहीं बल्कि एक महत्वपूर्ण फिल्म है, जो एक समुदाय के न्याय की तलाश से संबंधित कई महत्वपूर्ण सवाल करती है. यह फिल्म 90 के दशक में तमिलनाडु में हुई सच्ची घटनाओं पर आधारित है. इसमें इरुलुर आदिवासी समुदाय के एक जोड़े सेंगगेनी और राजकन्नू की कहानी है.
राजकन्नू को जब झूठे आरोप में पुलिस गिरफ्तार कर लेती है और बाद में जब वह पुलिस हिरासत से लापता हो जाता है तो उसकी पत्नी उसकी तलाश के लिए वकील चंद्रू (सूर्या द्वारा निभाया गया किरदार) का सहारा लेती है.
जूम माध्यम से हुई बातचीत में 46 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि उनका रुझान अब ‘जय भीम’ जैसी फिल्मों की तरफ ज्यादा है, क्योंकि इससे समाज में महत्वपूर्ण मुद्दे पर बातचीत शुरू होती है.
सूर्या ने साक्षात्कार में कहा कि वह अब कठिन सवाल को चुनते हैं और उसके जवाब चाहते हैं या कम से कम यह चाहते हैं कि लोग इस पर सोचें. उन्होंने कहा कि यह पेचीदा स्थितियों में घुसने जैसा है. अभिनेता ने कहा कि वह जब एक विषय उठाते हैं तो यह सोचते हैं कि क्या वह लोगों को इससे जोड़ पा रहे हैं या नहीं.