इस्लामाबाद : पाकिस्तान के स्वनिर्वासित पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने गुरुवार को विशेष अदालत के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, जिसमें उन्हें घोर राजद्रोह के मामले में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई गई है.
इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को 74 वर्षीय सेवानिवृत्त जनरल को हाई प्रोफाइल राजद्रोह के मामले में छह साल की सुनवाई के बाद दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी. पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ फिलहाल दुबई में रह रहे हैं
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (पीएमएल-एन) की सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ 2013 में राजद्रोह का मामला दायर किया था. इन दिनों दुबई में रह रहे मुशर्रफ पर आरोप है कि उन्होंने नवंबर 2007 में संविधान को स्थगित करते हुए आपातकाल लगाया था. इस वजह से ऊंची अदालतों के कई न्यायाधीशों को उनके घरों में बंद कर दिया और 100 से अधिक न्यायाधीशों को बर्खास्त कर दिया गया था.
हालांकि, लाहौर उच्च न्यायालय ने सोमवार को राजद्रोह मामले में मुशर्रफ के मुकदमे को 'असंवैधानिक' घोषित कर दिया था, जिसमें पूर्व सैन्य प्रमुख को दी गई मौत की सजा रद हो गई थी.
मुशर्रफ को बड़ी राहत देते हुए, लाहौर उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के गठन को 'असंवैधानिक' घोषित कर दिया क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ राजद्रोह का मामला कानून के अनुसार तैयार नहीं किया गया था.