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ट्रंप ने हांगकांग स्वायत्तता कानून पर किए हस्ताक्षर, विशेष दर्जा खत्म - राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग स्वायत्तता अधिनियम पर किए हस्ताक्षर किए हैं साथ ही हांगकांग को विशेष व्यापार दर्जा देने वाले आदेश को भी खत्म कर दिया है. इससे अमेरिकी सरकार को हांगकांग को दबाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति मिल जाएगी.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

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Published : Jul 15, 2020, 10:15 AM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग स्वायत्तता कानून पर हस्ताक्षर किए और अमेरिका द्वारा उसे मिलने वाली तरजीह को भी एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करके समाप्त कर दिया.

ट्रंप ने ह्वाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैंने चीन को हांगकांग के लोगों के खिलाफ दमकनकारी हरकतों के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए आज एक कानून और एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए.'

उन्होंने कहा कि हांगकांग स्वायत्तता कानून कांग्रेस में सर्वसम्मति से पारित हुआ. यह कानून अमेरिकी प्रशासन को हांगकांग की आजादी को खत्म करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार प्रदान करता है.

राष्ट्रपति ने कहा, 'हम सभी ने देखा कि क्या हुआ, स्थिति अच्छी नहीं है. उनकी स्वतंत्रता छीन ली गई, उनके अधिकार छीन लिए गए और मुझे लगता है कि इन सब के साथ हांगकांग कभी भी मुक्त बाजारों में मुकाबला नहीं कर पाएगा. मुझे लगता है कि कई लोग हांगकांग छोड़ देंगे और एक प्रतिद्वंद्वी को खो देने के कारण हमारा व्यापार भी बढ़ जाएगा.'

उन्होंने कहा, 'हमने एक महत्वपूर्ण प्रतिद्वंद्वी खो दिया, जिसे हमने व्यवसाय करने के लिए बढ़ावा दिया था और उसके साथ काफी व्यापार भी किया. हमने उन्हें ऐसी चीजें दी, जिसे किसी और को करने का अधिकार नहीं था और इससे उन्हें बाजार में काफी फायदा मिला और उस फायदे की वजह से उनका व्यापार इतना व्यापक है. कुछ साल पहले हमारे उन्हें यह तोहफा देने से पहले शायद ही किसी ने ऐसा सोचा होगा. यह सही मायने में स्वतंत्रता का तोहफा था.'

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राष्ट्रपति ने अमेरिका द्वारा हांगकांग को दी जाने वाले तरजीह समाप्त करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर किए.

उन्होंने कहा, 'हांगकांग के साथ भी अब चीन जैसा व्यवहार ही किया जाएगा. कोई विशेषाधिकार, कोई विशेष आर्थिक मदद और संवेदनशील प्रौद्योगिकियों का कोई निर्यात नहीं. इसके अलावा आप जानते हैं कि हम काफी शुल्क लगा रहे हैं और चीन पर भी काफी शुल्क लगाए हैं. चीन के साथ ऐसा पहली बार हुआ है कि उसने अमेरिका को अरबों डॉलर दिए हैं और उस राशि का कुछ हिस्सा मैंने देश के किसानों और पशुपालकों को दिया है क्योंकि उन्हें ही निशाना बनाया जा रहा था. ऐसा तीन साल से जारी है.'

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