दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

ग़ाज़ीपुर बार्डर: किसान नेताओं ने प्रपत्र जारी कर बताया, क्या है कृषि कानूनों में काला?

कृषि कानूनों को लेकर सरकार की तरफ से लगातार पूछा जा रहा था कि इस कानून में काला क्या है. इस बात का जवाब देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एक प्रपत्र जारी किया गया है. जिसे सभी राज्यों में भेजा जाएगा.

Farmer leaders realized form for answer that what black in the agricultural laws
किसान नेताओं ने जारी किया प्रपत्र

By

Published : Apr 1, 2021, 2:24 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध लगातार जारी है, किसान जहां इसे काला कानून बताकर विरोध कर रहे हैं. वहीं सरकार की तरफ से लगातार पूछा जा रहा था कि इस कानून में काला क्या है. इस बात का जवाब देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एक प्रपत्र जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि कानून में क्या खामियां हैं.

राज्यों में भेजी जाएंगी प्रतियां

किसान नेता आशीष मित्तल ने कहा कि सरकार झूठा दावा करती है कि इन काननों से किसान की जमीन नहीं जाएगी. इस प्रपत्र में कानूनों से ली गई धाराओं के हवाले से हमने यह बताने का प्रयास किया है कि किसान की जमीन किस तरह से जाएगी. इस प्रपत्र की प्रतियां यूपी और उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में भी वितरित कराई जाएंगी.

इसे भी पढ़ें- संसद का घेराव करेंगे किसान, करेंगे कृषि कानूनों का विरोध


मोदी का दावा झूठा
आशीष मित्तल ने कहा कि प्रधानमंत्री MSP है और रहेगी का झूठा दावा करते हैं लेकिन उनके कानून बताते हैं कि किसान की फसल का रेट ऑनलाइन बोली के हिसाब से तय होगा. इतना ही नहीं इन कानूनों में व्यापारी को इस बात की छूट भी दी जाएगी कि वह किसान से अनाज खरीदने के बाद तब तक उसका भुगतान करने के लिए समय पा सकेगा जब तक उस अनाज को आगे बेचकर भुगतान प्राप्त हो, यानी किसान से अनाज उधार पर ही जाएगा.

आम जनता पर भी होगा असर

आशीष मित्तल का कहना है कि गन्ना सोसायटियां भी अब मंडियां चलाने में लगाई जाएंगी. मतलब साफ है कि इन कानूनों के लागू होने के बाद न तो देश में MSP रहेगी और न किसान के पास जमीन.
इसके अलावा अब देश के आमजन के सामने भी खाद्य सुरक्षा का सबसे बड़ा खतरा आने वाला है. नए कृषि कानून आने के बाद सरकार पीडीएस बंद कर देगी तो खाद्य सुरक्षा बचेगी कैसे? खाद्य सुरक्षा के नाम पर अनाज नहीं पैसा मिलेगा और अनाज का रेट कॉरपोरेट तय करेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details