हैदराबाद : जब कभी भी आपके ऊपर कर्ज का भार हो, तो आपको कई सारे ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं, जो सामान्य कदम नहीं होते हैं. लेकिन इन कदमों को उठाना जरूरी होता है. ये कदम, कड़े और कड़वे दोनों होते हैं. सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है- क्रेडिट कार्ड को बंद करवाना या फिर फ्रीज करवा सकते हैं. किसी भी स्थिति में आप नया लोन न लें, जब तक कि आप पुराना लोन चुकता न कर दें. यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि आजकल लोन मिलना बहुत आसान हो गया है. पहले के समय में लोन मिलने में कठिनाई होती थी. इसलिए आप लोन के प्रलोभन में न पड़ें.
इन दिनों कुछ भी खरीदने के लिए नकद रहने की जरूरत होती ही नहीं है. क्योंकि बिक्रेता आपको ईएमआई पर सामान उपलब्ध करवाने के लिए तैयार बैठे रहता है. आम तौर पर त्योंहारों के समय में इस तरह के कई ऑफर दिए जाते हैं. ग्राहक कई बार लालच में पड़कर खरीददारी कर बैठते हैं. उसके बाद आपक लोन के जाल में उलझते चले जाते हैं. इसलिए, भविष्य की वित्तीय कठिनाइयों को रोकने के लिए ऐसे ऋणों से बचें.
पहले तो अंदाजा लगा लीजिए कि त्योहारों पर कितना पैसा खर्च हुआ है. लिए गए ऋणों की कुल राशि और उनकी संबंधित शर्तें क्या हैं ? जांचें कि आप प्रत्येक ऋण पर कितना ब्याज दे रहे हैं. व्यक्तिगत और 'अभी खरीदें बाद में भुगतान करें' (बीएनपीएल) ऋणों की सूची बनाएं. स्पष्टता प्राप्त करने के लिए एक ही स्थान पर पुराने और नए ऋणों की सूची लिखें. फिर योजना बनाएं कि अपनी आय में से अधिशेष (एक्स्ट्रा) से इन ऋणों का भुगतान कैसे किया जाए.
यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि कौन से ऋण पहले निपटाए जा सकते हैं. ज्यादा ब्याज वाले कर्ज से जल्द से जल्द छुटकारा पाएं. अन्यथा, वे आपकी बचत के अधिकांश भाग का उपभोग कर लेंगे. छोटे कर्जों को जल्दी चुकाने की कोशिश करें क्योंकि वे अधिक कर्ज होने का मानसिक तनाव पैदा करेंगे. साथ ही यह भी पता करें कि ऐसे ऋणों को समय से पहले बंद करने पर जुर्माने का बोझ क्या होगा.