नई दिल्ली: वैश्विक रुख व कंपनियों के तिमाही नतीजों से ही शेयर बाजारों की दिशा तय होगी. इसके अलावा बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख पर भी रहेगी, जो पिछले कुछ दिनों से घरेलू बाजारों में बिकवाल बने हुए हैं.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि मुद्रास्फीति और केंद्रीय बैंकों द्वारा अपने मौद्रिक रुख को सख्त करना दुनियाभर के बाजारों के लिए चिंता का विषय है. स्थानीय बाजार में मंदड़िये हावी हैं लेकिन उन्होंने कुछ अधिक बिकवाली की है जिससे उनके रुख में बदलाव आ सकता है. मीणा ने कहा कि अमेरिकी बाजार में बिकवाली चल रही है. विशेष रूप से निवेशक प्रौद्योगिकी शेयर बेच रहे हैं. हालांकि पिछले दो कारोबारी सत्रों में कुछ स्थिरता देखने को मिली हैं. ऐसे में आगे कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर बड़े घटनाक्रमों के अभाव में बाजार की दिशा वैश्विक रुझानों से तय होगी. हालांकि कंपनियों के चौथी तिमाही के परिणामों के मद्देनजर कुछ शेयर विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. उनका मानना है कि घरेलू मोर्चे पर जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 17 मई को सूचीबद्ध होना है और यह प्रमुख उत्प्रेरक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि एफआईआई बिकवाली कर रहे हैं, ऐसे में घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) इसकी भरपाई करने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसे में उनके रुख पर भी सभी की निगाह रहेगी.