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एफपीआई ने अक्टूबर के 3 दिन में शेयर बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपये निकाले - आरबीआई

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो दर में कटौती और बाजार नियामक सेबी के कुछ फैसलों से एफपीआई निवेश में तेजी आने की उम्मीद है.

एफपीआई ने अक्टूबर के 3 दिन में शेयर बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपये निकाले

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Published : Oct 6, 2019, 2:00 PM IST

नई दिल्ली: वैश्विक नरमी और व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में शुरूआती तीन कारोबारी दिवसों में शेयर बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपये की निकासी की है. विदेशी निवेशकों ने इससे पहले सितंबर में शेयरों में शुद्ध रूप से करीब 7,850 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो दर में कटौती और बाजार नियामक सेबी के कुछ फैसलों से एफपीआई निवेश में तेजी आने की उम्मीद है.

केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर यानी रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दी है. पिछले करीब एक दशक में यह रेपो की सबसे निचली दर है.

डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, एक से चार अक्टूबर के दौरान विदेश निवेशकों (एफपीआई) ने शेयरों से शुद्ध रूप से 2,947 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार से 977 करोड़ रुपये की निकासी की. इस तरह उनकी कुल निकासी 3,924 करोड़ रुपये रही. दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर बाजार बंद थे.

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सरकार ने सितंबर अंत में कॉरपोरेट कर में 10 प्रतिशत की कटौती की थी. साथ ही एफपीआई के किसी प्रतिभूति, डेरिवेटिव की बिक्री पर पूंजीगत लाभ पर बढ़े हुए कर अधिभार को भी खत्म कर दिया था. इसके अलावा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भी एफपीआई के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) नियम सरल बना दिए हैं और उन्हें प्रतिभूति बाजार से बाहर लेनदेन की भी अनुमति दे दी है.

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के वरिष्ठ प्रबंधक अरुण मंत्री ने कहा, "वैश्विक मंदी, व्यापार युद्ध और भारत में सुस्ती की आशंकाओं के चलते अक्टूबर में निवेशकों ने निकासी की. कंपनियों के अच्छी तिमाही नतीजों से एफपीआई निवेश में सुधार के आसार है. हालांकि, वैश्विक आर्थिक और व्यापार युद्ध चिंताओं की वजह से बाजार में सुस्ती रह सकती है. बाजार को घरेलू निवेशकों से समर्थन मिलेगा."

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