वॉशिंगटन: अतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2020 में 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया. उसने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और उसके कारण दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां ठप होने से वैश्विक अर्थव्यवस्था भीषण मंदी की ओर बढ़ रही है. यह 1930 में आयी महामंदी के बाद सबसे बड़ी मंदी है.
भारत में आर्थिक वृद्धि का यह स्तर रहता है तो यह 1991 में शुरू उदारीकरण के बाद सबसे कम वृद्धि दर होगी. इसके बावजूद मुद्राकोष ने विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट के नये संस्करण में भारत को तीव्र वृद्धि वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में रखा है. भारत उन दो बड़े देशों में शामिल है जहां 2020 में वृद्धि दर सकारात्मक होगी. दूसरा देश चीन है जहां आईएमएफ के अनुसार 1.2 प्रतिशत वृद्धि दर रह सकती है.
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने ने कहा, "हमारा अनुमान है कि 2020 में वैश्विक वृद्धि में 3 प्रतिशत की गिरावट आएगी. यह जनवरी 2020 से 6.3 प्रतिशत की गिरावट है. इतने कम समय में बड़ा बदलाव किया गया है."
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी से सभी क्षेत्रों में वृद्धि दर प्रभावित होगी. उल्लेखनीय है कि दुनिया की महामंदी 1929 में अमेरिका में शुरू हुई. उस समय न्यूयार्क शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के साथ निवेशकों को लाखों डॉलर की चपत के बाद इसकी शुरूआत हुई थी.
आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार विकसित देशों की श्रेणी में ज्यादातर देशों की आर्थिक वृद्धि में गिरावट आएगी. इसमें अमेरिका (-5.9 प्रतिशत), जापान (-5.2 प्रतिशत), ब्रिटेन (-6.5 प्रतिशत), जर्मनी (-7.0 प्रतिशत), फ्रांस (-7.2 प्रतिशत), इटली (-9.1 प्रतिशत) और स्पेन (-8.0 प्रतिशत) गिरावट में रह सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में अच्छी-खासी राजकोषीय मदद के साथ 2020 की शेष अवधि में सुधार आएगा और वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. क्षेत्र की कई अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि दर हल्की होने का अनुमान है. इसमें भारत (1.9 प्रतिशत) और इंडोनेशिया (0.5 प्रतिशत) शामिल हैं. वहीं थाईलैंड (-6.7 प्रतिशत) समेत कुछ अन्य देशों में आर्थिक वृद्धि में गिरावट की भविष्यवाणी की गयी है.