हैदराबाद: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को बैंकों को सोने के मूल्य का 90 फीसदी तक कर्ज देने की अनुमति दी, जिसके बाद सोने में ओर निखार आएगी, क्योंकि इससे सोने की गहनों की मांग बढ़ जाएगी.
इस समय सोने के गहनों को गिरवी रखने पर इसके मूल्य का 75 फीसदी तक कर्ज बैंक देता है, लेकिन केंद्रीय बैंक के फैसले के बाद अब सोने के गहनों के मूल्य का 90 फीसदी तक कर्ज मिल सकता है.
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उदाहरण के लिए मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति जो बैंकों या वित्तीय संस्थानों में एक लाख रुपये का सोना गिरवी रखता है तो उसे अब 90 हजार का लोन मिलेगा. पहले इतने ही सोने पर उसे 75 हजार लोन मिलता था.
हालांकि, यह छूट केवल 31 मार्च 2021 से पहले गोल्ड लोन लेने वालों को मिलेगा. इसलिए, यदि आप गोल्ड लोन के लिए आवेदन करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह खबर जरुर पढ़ें.
गोल्ड लोन क्या है?
एक गोल्ड लोन अनिवार्य रूप से एक सिक्योर्ड लोन होता है जिसमें एक ग्राहक अपने सोने के गहनों को बैंक या गोल्ड फाइनेंस कंपनी के साथ जमानत के रूप में गिरवी रखता है और आकर्षक ब्याज दरों पर आसानी से लोन ले लेता है. लोन चुकाने के बाद उधारकर्ता को अपना सोना वापस मिल जाता है.
गोल्ड लोन के लिए कौन कर सकते है अप्लाई?
18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति, भौतिक सोने और गहनों के साथ वैध पहचान प्रमाण के साथ स्वर्ण ऋण के लिए आवेदन कर सकता है.
गोल्ड लोन द्वारा कितनी राशि उधार ली जा सकती है?
गोल्ड लोन 10,000 रुपये से शुरू होने वाली राशि और विभिन्न बैंकों और गोल्ड फर्मों के आधार पर 1.5 करोड़ रुपये तक दिए जाते हैं. स्वीकृत ऋण की राशि गिरवी के समय उसके बाजार मूल्य पर निर्भर करती है.
ऋणदाता अपने वर्तमान मूल्य को निर्धारित करने के लिए सोने की शुद्धता और वजन की जांच करेगा. गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों को यह याद रखना चाहिए कि गिरवी रखे गए सोने की शुद्धता 18 कैरेट से अधिक होनी चाहिए. यदि आप कोई आभूषण के बदले लोन लेते हैं, तो रत्न और पत्थरों के मूल्य और वजन में कटौती की जाएगी और केवल सोने का हिस्सा मूल्यवान होगा.
गोल्ड लोन का सामान्य समय क्या है?
गोल्ड लोन आमतौर पर ऋणदाता के आधार पर 3 महीने से 5 साल तक के कार्यकाल वाले ऋण होते हैं.