नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कंपनियों को सुझाव दिया है कि वे कॉरपोरेट सामाजिक दायित्य (सीएसआर) के तहत अनाथ और दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए अधिक राशि खर्च करें.
उन्होंने मंगलवार को कहा कि सीएसआर गतिविधियों के जरिये विकास की चुनौतियों के लिए नवोन्मेषी समाधान ढूंढे जा सकते हैं.
यहां पहले राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे कोविंद ने कहा कि धन का दान करने पर सम्मान मिलता है, उसे जमा करने पर नहीं.
पिछले पांच सालों में कंपनियों ने सीएसआर के तहत 50 हजार करोड़ खर्च किया: राष्ट्रपति कोविंद - President Ram Nath Kovind
राष्ट्रपति ने कहा कि 2014-15 से कंपिनयां हर साल सीएसआर पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करती हैं.
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कंपनी कानून, 2013 के तहत सीएसआर प्रावधान एक अप्रैल, 2014 से लागू हुए हैं. इस कानून के तहत कुछ निश्चित श्रेणी की मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का दो प्रतिशत एक वित्त वर्ष में सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना होता है.
राष्ट्रपति ने कहा कि 2014-15 से कंपिनयां हर साल सीएसआर पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करती हैं.
उन्होंने कहा कि समाज कल्याण गतिविधियों पर खर्च करने के लिए संसाधन, इच्छाशक्ति और रूपरेखा अहम होते हैं.
उन्होंने सवाल किया कि हमें किसकी अधिक मदद करनी चाहिए? साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि अनाथों और दिव्यांगों पर अधिक खर्च किया जाना चाहिए.
राष्ट्रपति ने कहा कि 2030 तक प्रत्येक अनाथ की देखरेख की जा सकेगी. अब से राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार हर साल दो अक्टूबर को दिए जाएंगे.