नई दिल्ली :निवेशकों के निकाय चेन्नई फाइनेंशियल मार्केट्स एंड अकाउंटेबिलिटी (सीएफएमए) ने उच्चतम न्यायालय से फ्रैंकलिन टेंपलटन की बंद योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों की मदद करने का आग्रह किया है.
सीएफएमए का दावा है कि 10 से अधिक म्यूचुअल फंड कंपनियों का हाल फ्रैंकलिन टेंपलटन जैसा हो सकता है, जिससे निवेशकों को 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
सीएफएमए ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं के तीन करोड़ यूनिटधारकों की एकमात्र उम्मीद न्यायालय ही है.
अपने दावे के समर्थन के पीछे सूत्र का खुलासा नहीं करते हुए सीएफएमए ने कहा, ऐसी जानकारी मिली है कि 10 से अधिक और म्यूचुअल फंड अपने नुकसान को यूनिटधारकों पर डालना चाहते हैं. उन्हें सिर्फ उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार है.