कोलकाता :नकदी की तंगी और कर्ज से परेशान पश्चिम बंगाल सरकार साल के अंत में खुले बाजार से अतिरिक्त 2,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है. पहले से ही कुल संचित ऋण के आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल कर्ज के जाल में फंसी है, जहां राज्य सरकार को पिछले कर्जों को चुकाने के लिए नए कर्ज का सहारा लेना पड़ता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हालिया अधिसूचना के अनुसार, 29 दिसंबर, 2020 को 14 भारतीय राज्य खुले बाजार से कुल 18,604 करोड़ रुपये उधार लेंगे.
इन 14 राज्यों में, सबसे अधिक उधार लेने वाला राज्य उत्तर प्रदेश होगा, जो 4,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेगा. पश्चिम बंगाल 2,000 रुपये के साथ दूसरा सबसे बड़ा कर्जदार होगा. पश्चिम बंगाल जैसे ही तीन दक्षिण भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के साथ राजस्थान भी 2,000 करोड़ रुपये का उधार लेगा.
छत्तीसगढ़, पंजाब और केरल द्वारा 1,000 करोड़ रुपये उधार लिए जाएंगे. तेलंगाना सरकार उस दिन 750 करोड़ रुपये उधार लेगी, जबकि त्रिपुरा सरकार के लिए यह आंकड़ा 600 करोड़ रुपये होगा. मेघालय और पांडिचेरी 100 करोड़ रुपये उधार लेंगे. उस दिन सबसे कम उधार लेने वाला राज्य गोवा होगा, जो सिर्फ 54 करोड़ रुपये लेगा.