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पंच तत्व में विलीन पर्रिकर : लाखों लोगों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई - गोवा

63 वर्षीय मनोहर पर्रिकर की अंतिम विदाई ने उनके सैकड़ों समर्थकों की आंखे नम कर दी. तिरंगे में लिपटे पर्रिकर का अंतिम संस्कार किया गया. 13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर के चले जाने से भाजपा को बड़ी क्षति हुई है.

पर्रिकर को उनके बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी

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Published : Mar 18, 2019, 9:16 AM IST

Updated : Mar 19, 2019, 7:56 PM IST

पणजी:गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस अवसर पर हजारों लोगों ने नम आंखों के साथ अपने इस लोकप्रिय नेता को अंतिम विदाई दी. पर्रिकर की चिता को उनके ज्येष्ठ पुत्र उत्पल ने मुखाग्नि दी.भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, विभिन्न केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने मीरामार में हुई परिकर की अंत्येष्टि में हिस्सा लिया.

भाजपा के इस लोकप्रिय नेता की शवयात्रा कला अकादमी से शुरू हुई जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सैकड़ों लोगों ने पूर्व रक्षा मंत्री को श्रद्धांजलि दी.

नम हुई लोगों की आंखे
तिरंगे में लिपटा पर्रिकर का पार्थिव शरीर जब भाजपा कार्यालय में लाया गया, तो वहां मातम छा गया और उनके सैकड़ों समर्थकों की आंखें नम हो गईं.

उमड़ पड़ा लोगों का हुजूम
मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर लेकर आ रहे ट्रक ने पणजी के डोना पौला में उनके निजी आवास से पांच किलोमीटर की दूरी तय की. इस छोटे से तटीय राज्य से देश के रक्षा मंत्री बने पर्रिकर के पार्थिव शरीर के दर्शन करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. राजधानी के केंद्र में भाजपा कार्यालय के आस-पास का इलाका लोगों से भर गया, जहां वे पर्रिकर को अंतिम विदाई देने पहुंचे.

चार बार मुख्यमंत्री रह चुकें हैं पर्रिकर
बता दें, चार बार मुख्यमंत्री रह चुके और पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर फरवरी 2018 से ही अग्नाशय के कैंसर से जूझ रहे थे. हालांकि, आधिकारिक तौर पर बताया गया था कि वह अग्नाशय संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का सोमवार को पूर्ण सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ मिरामार बीच पर अंतिम संस्कार किया जाएगा.

नहीं रहे सीएम मनोहर पर्रिकर, आज होगा अंतिम संस्कार, देखें वीडियो

मिरामार बीच होगा अंतिम संस्कार
प्रदेश भाजपा के एक प्रवक्ता ने बताया कि पर्रिकर का अंतिम संस्कार मिरामार बीच पर सोमवार को शाम पांच बजे किया जाएगा. मिरामार बीच पर गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बंडोदकर का भी स्मारक है. रविवार शाम को पर्रिकर के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर रात को उनके आवास पर ही रखा गया.

कला अकादमी ले जाया जाएगा पर्रिकर का पार्थिव शरीर
प्रवक्ता ने कहा, ‘उनका पार्थिव शरीर सुबह भाजपा कार्यालय लाया जाएगा जहां पार्थिव शरीर एक घंटे तक रखा जाएगा. इसके बाद अंतिम यात्रा से पहले लोगों के दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को कला अकादमी ले जाया जाएगा.’ केंद्र सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. देशभर में राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा.

शाम चार बजे पर्रिकर की अंतिम यात्रा
उन्होंने बताया कि लोग सुबह 11 बजे से लेकर शाम चार बजे तक कला अकादमी में पर्रिकर के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे. पर्रिकर की अंतिम यात्रा शाम चार बजे शुरू होगी. उनका अंतिम संस्कार शाम करीब पांच बजे मिरामर में किया जाएगा.

राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा
केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सोमवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी, केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य की राजधानियों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. पर्रिकर को श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार सुबह 10 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की विशेष बैठक होगी.

पढ़ें:मनोहर पर्रिकर के निधन पर राजनेताओं ने जताया शोक

राष्ट्रपति ने जाताया दुख
इस संबंध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, 'गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना पाकर शोकाकुल हूं.' उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में वह ईमानदारी और समर्पण की मिसाल हैं. गोवा और भारत की जनता के लिए उनके काम को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.

मनोहर पर्रिकर बेमिसाल नेता थे- मोदी
पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया है, 'श्री मनोहर पर्रिकर बेमिसाल नेता थे. एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे, सभी उनका सम्मान करते थे. देश के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी. उनके निधन से बहुत दुखी हूं. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं. शांति.'

13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर
मध्यमवर्गिय परिवार में 13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में करियर शुरू किया. यहां तक कि आईआईटी बंबई से स्नातक करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे. सक्रिय राजनीति में पर्रिकर का पदार्पण 1994 में पणजी सीट से भाजपा टिकट पर चुनाव जीतने के साथ हुआ. वह 2014 से 2017 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में रक्षा मंत्री रहे.

RSS के प्रचारक के तौर पर हुई थी पर्रिकर की शुरुआत
गौरतलब है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के तौर पर शुरुआत कर गोवा के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री बनने वाले पर्रिकर की छवि हमेशा ही बहुत सरल और सामान्य व्यक्ति की रही.

पर्रिकर के कारण मजबूत हुई भाजपा
वह सर्वस्वीकार्य नेता थे. ना सिर्फ भाजपा बल्कि दूसरे दलों के लोग भी उनका मान-सम्मान करते थे. उन्होंने गोवा में भाजपा को मजबूत आधार प्रदान किया. लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहने वाले गोवा में क्षेत्रीय संगठनों की पकड़ के बावजूद भाजपा उनके कारण मजबूत हुई.

गोवा को नई ऊंचाइयों पर पर्रिकर ने पहुंचाया
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें ऐसा सामाजिक कार्यकर्ता और कुशल प्रशासक बताया, जिन्होंने अपने राज्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उन्होंने कहा कि पर्रिकर के जाने से उत्पन्न हुए शून्य को भरा नहीं जा सकता. सिन्हा ने पर्रिकर के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी.

पत्नी का पहले ही निधन हो चुका था
पर्रिकर के परिवार में उनके दो पुत्र हैं. उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है. भाजपा के एक प्रवक्ता ने बताया कि पर्रिकर का पार्थिव शरीर सोमवार को सुबह साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक भाजपा मुख्यालय में रखा जाएगा. उसके बाद पार्थिव शरीर को कला अकादमी ले जाया जाएगा.

एक साल से बीमार चल रहे पर्रिकर
पिछले एक साल से बीमार चल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था. सूत्रों ने बताया कि पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर शनिवार देर रात से ही जीवनरक्षक प्रणाली पर थे. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री का निधन रविवार शाम छह बजकर चालीस मिनट पर हुआ.

Last Updated : Mar 19, 2019, 7:56 PM IST

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