देहरादून:उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा से प्रदेश के सभी आय के स्रोत रिचार्ज हो रहे हैं. चारधाम यात्रा से हो रही कमाई की बात करें तो हेली सर्विस ने कमाई के मामले में सारी इंडस्ट्री को पीछे छोड़ दिया है. आइए जानते हैं चारधाम हेली सेवा से अबतक कितनी कमाई हो चुकी है और आप कैसे इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं.
रोजाना चारधाम पहुंच रहे 50 हजार यात्री: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अब अपने शबाब पर है. हर दिन उत्तराखंड चारधाम यात्रा के चारों धामों में तकरीबन 50 हजार यात्री पहुंच रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा यात्रियों की संख्या केदारनाथ धाम में देखने को मिल रही है. निश्चित तौर पर पिछले 2 साल कोविड-19 महामारी के चलते चारधाम यात्रा दुश्वारियां में घिरी रही. यात्रा फुल फ्लैश तरीके से नहीं हो पाई थी, जिससे 70 फीसदी पर्यटन पर निर्भर उत्तराखंड राज्य को भारी नुकसान झेलना पड़ा था.
हेली सर्विस कमाई में अव्वल: चारधाम यात्रा 2022 से उत्तराखंड राज्य की हो रही कमाई कि अगर हम बात करें तो यात्रा सीजन ठीक से चलने पर होटल इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री स्थानीय व्यापारियों के अलावा पर्यटन क्षेत्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर से जुड़े अनगिनत लोगों को चारधाम यात्रा से लाभ पहुंचता है. इसके अलावा अगर हम चारधाम यात्रा से होने वाली कमाई में सबसे आगे दौड़ रही लिस्ट की बात करें तो वह है चारधाम हेली सर्विस.
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चारधाम हेली सर्विस हर दिन कमा रही है तकरीबन 15 लाख: उत्तराखंड चारधाम हेली सर्विस में 9 हेली कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं. वहीं केदारनाथ धाम के लिए तीन जगह गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से इन प्राइवेट कंपनियों के शटल उड़ान भर रहे हैं. DGCA की अनुमति के साथ हर दिन घाटी में 9 उड़ान भरी जा सकती हैं. उत्तराखंड सिविल एविएशन से मिली जानकारी के अनुसार, हर दिन तकरीबन 300 से 350 यात्री हेली सेवा के माध्यम से रोजाना केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं.
औसतन प्रत्येक लैंडिंग पर उत्तराखंड सरकार को 5 हजार का राजस्व प्राप्त होता है, जिसके अनुसार हर दिन हेली सेवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों से मिलने होने वाला राजस्व तकरीब 15 से 17 लाख का है. इस तरह से अगर इस 6 तारीख को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद शुरू हुई केदारनाथ हेली सर्विस से मात्र 5 दिन में प्राप्त हुए राजस्व का अगर अनुमान लगाया जाए तो यह तकरीबन 60 लाख से पार हो चुका है.
GMVN अधिकृत: उत्तराखंड सिविल एविएशन अथॉरिटी ने खासतौर से केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं की ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए केवल गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकृत वेबसाइट को अधिकृत किया है. अगर यात्री केदारनाथ धाम उत्तराखंड सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम मूल्य पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से जाना चाहते हैं तो गढ़वाल मंडल विकास निगम की वेबसाइट heliservices.uk.gov.in पर जा कर अपनी टिकिट बुक कर सकते हैं.
इसके अलावा कोई अन्य वेबसाइट टिकिट उपलब्ध करवा रही है तो यह अधिकृत नहीं है, इसलिए यात्रियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. उत्तराखंड सरकार ने केवल GMVN को केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा की बुकिंग के लिए अधिकृत किया है. देश में कई प्रदेशों में गढ़वाल मंडल विकास निगम के कार्यालय मौजूद हैं और वहां से भी हेली सेवा के लिए प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है.
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कितना है किराया: केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार ने हेली सेवाओं के लिए 3 रूट निर्धारित किए हैं. उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण द्वारा केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम, फाटा से केदारनाथ धाम और सिरसी से केदारनाथ धाम रूट को अधिकृत किया गया है. केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं के किराए की अगर बात की जाए तो अन्य निजी कंपनियों की तुलना में उत्तराखंड सरकार द्वारा बेहद कम किराए पर हेली सेवाएं दी जा रही है. हालांकि, इसके लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा अधिकृत हेली सेवा से ही टिकट बुक करवाना होगा.
किराए की अगर बात करें तो गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम- 3875x2 (जाना-आना), कुल- 7750₹ प्रति व्यक्ति है. फाटा से केदारनाथ धाम- 2360x2 (जाना-आना), कुल- 4720₹ प्रति व्यक्ति किराया रखा गया है. वहीं सिरसी से केदारनाथ धाम 2340x2 (जाना-आना), कुल- 4680₹ प्रति व्यक्ति किराया रखा गया है. इतने किराए के साथ-साथ प्रति यात्री अपने साथ 2 से 3 किलो तक का लगेज ले जा सकता है जिसकी जानकारी टिकट बुक कराने पर टिकट में भी लिखी रहती है.
ऐसे होता है कंपनियों का चयन:केदारनाथ धाम में हेली सेवा देने के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा प्रत्येक 3 साल के लिए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के तहत हेली सेवा देने वाले कंपनियों का चयन किया जाता है. आखिरी बार 2019 में 3 साल के लिए हेली कंपनियों का चयन किया गया था जो कि इस प्रकार से है.
1)- गुप्तकाशी से 2 हेली कंपनी- आर्यन एविएशन, एरो एयरक्राफ्ट और फाटा से 4 कंपनियां- पवनहंस, थंबी एविएशन, चिप्सन एविएशन, पिनाकल एयर साथ ही सिरसी से 3 कंपनियां- एरो एयरक्राफ्ट, क्रिस्टल एविएशन और हिमालयन हेली सर्विसेज हैं. इस तरह से केदारनाथ धाम के लिए उत्तराखंड सिविल एविएशन अथॉरिटी के तहत 9 कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं. प्राधिकरण के अनुसार केदारघाटी में एक साथ में केवल अधिकतम 6 हेलीकॉप्टर ही उड़ान भर सकते हैं और एक बार में एक कंपनी के केवल एक ही हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने की अनुमति है.
केदारनाथ के अलावा अन्य जगह हवाई सेवा:उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, प्राधिकरण द्वारा केवल केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं को ऑपरेट किया जाता है बाकी अन्य जगहों पर निजी चार्टर द्वारा प्राइवेट कंपनियां अपनी सेवाएं देती हैं. यह निजी कंपनियां देहरादून सहस्त्रधारा हेलीपैड, जौलीग्रांट एयरपोर्ट और अन्य जगह से अपनी सेवाएं देती हैं और उनके टैरिफ भी इन कंपनियों द्वारा खुद तैयार किए जाते हैं, जिस पर प्राधिकरण का हस्तक्षेप नहीं है.
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ओवर रेटिंग और ठगी से कैसे बचें:उत्तराखंड सिविल एविएशन अथॉरिटी द्वारा केदारनाथ धाम हेली सेवा की टिकट बुक करने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम को अधिकृत किया गया है. टिकट बुकिंग में 70 फीसदी टिकट ऑनलाइन बुकिंग पर रखी गई हैं और 30 फीसदी टिकट को मौके पर दिए जाने का प्रावधान रखा गया है. सर्विस प्वाइंट पर दी जाने वाली 30 तीस परसेंट टिकट केवल आपातकालीन स्थिति और अपरिहार्य स्थितियों के लिए रखी गई हैं तो वहीं प्राधिकरण द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हेली सेवा देने वाली कंपनियों को भी 12 टिकट देने का प्रावधान रखा गया है. लेकिन टिकट यात्री को किसी भी माध्यम से प्राप्त हो उसका किराया किसी भी स्थिति में सरकार के किराए से ज्यादा नहीं होगा या फिर टिकट जिस नाम से बुक किया गया है उसके अलावा कोई दूसरा व्यक्ति यात्रा नहीं करेगा. शासन स्तर पर इस संबंध में सख्त निर्देश दिए गए हैं.
9 दिन में चारधाम आए तीन लाख तीर्थयात्री: पिछले 2 सालों से मुश्किलों में रही चारधाम यात्रा के लिए इस बार पहले से ही उम्मीद लगाई जा रही थी. सबका मानना था कि उत्तराखंड में इस बार यात्रा सीजन पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर देगा. ऐसा ही कुछ यात्रा शुरू होते ही देखने को मिल रहा है. 3 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अब तक 3 लाख यात्री आ चुके हैं. वो भी तब जब केदारनाथ के कपाट 6 मई को और बदरीनाथ के कपाट 8 मई को खुले हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतनी ज्यादा संख्या में आ रहे चारधाम यात्रियों से निश्चित तौर से उत्तराखंड की आर्थिकी पर बेहतर असर पड़ रहा होगा.