United Nations Day : 78 सालों का हुआ संयुक्त राष्ट्र, वैश्विक स्तर पर योगदान, इतिहास व थीम को जानें
24 अक्टूबर 1945 को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर स्वीकार किया गया था. संयुक्त राष्ट्र चार्टर को अपनाने की वर्षगांठ मनाने, संगठन की उपलब्धियों को उजागर करने व इसके लक्ष्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जाता है. पढ़ें पूरी खबर...United Nations Day 2023, United Nations Day Birth Anniversary, United Nations Day History, United Nations, UN Secretary General Antonio Guterres.
हैदराबाद :24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का चार्टर लागू हुआ था. इस प्रतीकात्मक दिवस को यादगार बनाने के लिए हर साल 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 31 अक्टूबर 1947 को संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाने के संबंध में प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था. इस दिवस का उद्देश्य UN के लक्ष्यों व उपलब्धियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित करना और समाज में संगठन के योगदान के लिए समर्थन प्राप्त करना. वहीं 1971 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से सदस्य राष्ट्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाने और सार्वजनिक अवकाश रखने की सिफारिश की गई.
संयुक्त राष्ट्र आम सभा में बैठक का नजारा
संयुक्त राष्ट्र दिवस 2023 की थीम : इस साल मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 75वीं वर्षगांठ है. इसको ध्यान में रखकर इस साला के लिए थीम 'सभी के लिए समानता, स्वतंत्रता और न्याय' रखा गया है.
संयुक्त राष्ट्र दिवस
संयुक्त राष्ट्र का प्रतीक व झंडा: संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक प्रतीक चिह्न मध्य में उत्तरी ध्रुव वाला एक ग्लोब है. ग्लोब शांति का प्रतीक माने जानेवाले जैतून की शखाओं से घिरा है, जो नीले रंग की पृष्ठभूमि पर सफेद रंग में मुद्रित रहता है. संयुक्त राष्ट्र का झंडा हल्के नीले मैदान पर केन्द्रित है. संयुक्त राष्ट्र का झंडा और प्रतीक विश्व के सभी लोगों के लिए शांति और एकता की आशाओं और सपनों को दर्शाता है. संयुक्त राष्ट्र के झंडे को महासभा की ओर से अनुमोदित प्रस्ताव के आधार पर तय किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र का इतिहास 1940 के दशक में पूरी दुनिया में अशांति और युद्ध का माहौल था. किसी एक-दो देश की मदद से अशांति लाना असंभव था. वैश्विक स्तर पर एक ऐसे संगठन की मांग उठ रही थी जो दुनिया में शांति के लिए स्थाई पहल कर सके. प्राकृतिक हो या मानव निर्मिक आपदा, हर काल में मानवा की रक्षा के लिए आगे आये. इस परिकल्पना पर कई प्रयास और बैठकों के कई दौर हो चुके थे. 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के कगार पर था. युद्ध के कारण कई राष्ट्र पूरी तरह से बर्बाद हो चुके थे.
सैन फ्रांसिस्को (कैलिफोर्निया) में 25 अप्रैल से 26 जून 1945 तक अंतरराष्ट्रीय संगठन के लिए आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में 50 देशों के प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा लिया. इसके बाद कई माह तक चर्चा के बाद संयुक्त राष्ट्र चार्टर का मसौदा तैयार किया गया. सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन के 4 माह बाद 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक तौर पर अस्तित्व में आ गया.
51 राष्ट्र से बढ़कर 193 हुई संयुक्त राष्ट्र सदस्यों की संख्या
स्थापना के समय संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, सोवियत संघ समेत अन्य सदस्य राष्ट्रों ने संयुक्त राष्ट्र पर चार्टर पर हस्ताक्षर किया. स्थापना के समय 51 राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र के सदस्यत थे, वर्तमान में सदस्य देशों की संख्या 193 है. दक्षिण सूडान औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र का सबसे नया सदस्य है. 9 जुलाई 2011 को यह सुडान अलग हुआ. 14 जुलाई 2011 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से नये सदस्य के रूप में दक्षिण सूडान सदस्य बना. भारत स्थापना काल से सदस्य रहा है, ऐसे भारत ने आधिकारिक तौर पर 30 अक्टूबर 1945 को एडमिशन (शामिल) लिया. संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्र महासभा के सदस्य होते हैं. सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा के निर्णय के बाद किसी नये राष्ट्र को सदस्यता दिया जाता है.
सुरक्षा परिषद
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सबसे थाकतवर संस्था है. इसमें कुल 15 सदस्य होते हैं. 5 स्थायी सदस्य-संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, सोवियत संघ के अलावा 10 गैर स्थायी सदस्य महासभा की ओर से 2 साल के लिए चुने जाते हैं. वर्तमान में अल्बानिया ब्राजील, गैबॉन, घाना और संयुक्त अरब अमीरात 2023 के लिए सदस्य रहेंगे. वहीं 2024 तक के लिए इक्वेडोर, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक और स्विट्जरलैंड के अस्थायी सदस्य रहेंगे.
संयुक्त राष्ट्र का योगदान
घरती पर 45 फीसदी बच्चों को टीका उपलब्ध कराता है. इससे हर साल 30 लाख लोगों की जान बचती है.
120 से ज्यादा देशों के अन्तर्गत 160 मिलियन लोगों के लिए भोजन और सहायता उपलब्ध कराता है.
युद्ध, अकाल और उत्पीड़न से पीड़ित 117 मिलियन आबादी के लिए मानवीय सहायता और सुरक्षा उपलब्ध कराता है.
तापमान बढ़ोतरी को 2°C /3.6°F से नीचे लाने के लिए 200 के करीब देशों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.
वैश्विक जल संकट का सामना कर रही 4 अरब आबादी के लिए पानी की व्यवस्था.
1963 में एनटीबीटी और 1996 में सीटीबीटी जैसी कई परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधियों पर हस्ताक्षर.
2030 तक सतत विकास लक्ष्यों तक पहुंचने के संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य पर काम.
1956 के स्वेज नहर संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
1992 में रियो डी जनेरियो में पर्यावरण और विकास पर सम्मेलन.
चेचक उन्मूलन किया जा चुका है. पोलियो उन्मूलन के लिए प्रयास अंतिम चरण में.
महिला अधिकार, चुनाव सुधार सहित कई तात्कालिक काम.
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