कोलकाता :भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराकर 'बड़ा उलटफेर करने वाले’ के रूप में उभरे हैं, हालांकि उनकी पार्टी को चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है.
अधिकारी ने मतगणना के अंतिम दौर तक चली खींचतान के बाद बनर्जी को 1,900 से अधिक मतों के अंतर से हार का स्वाद चखा दिया. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़ भाजपा में आए अधिकारी की जीत को भगवा पार्टी के लिए केवल मनोबल बढ़ाने वाली जीत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी ने 292 सीटों पर हुए चुनाव में से 213 पर विजय प्राप्त की है.
भाजपा के हलकों में शुभेंदु की चर्चा
मतगणना के दौरान अनियमितता बरते जाने की जानकारी मिलने के बाद दोबारा मतगणना की मांग करने वाली बनर्जी ने अब कहा है कि वह परिणाम को लेकर अदालत का रुख करेंगी. फिलहाल अधिकारी भाजपा के हलकों में चर्चा का विषय बने हुए हैं.
दशकों से रहा है दबदबा
अधिकारी के लिए नंदीग्राम उस समय महज राजनीतिक अखाड़े से अस्तित्व की जंग के मैदान में बदल गया था. जब बनर्जी ने अधिकारी और उनके परिवार को मजा चखाने की चुनौती दे डाली थी, जिनका दशकों से इस क्षेत्र पर दबदबा रहा है.
भाजपा में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
इस जीत के साथ ही अधिकारी बंगाल में भाजपा की पहली पंक्ति के नेताओं में शामिल हो गए हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां सौंप सकती है.
भवानीपुर से नंदीग्राम पहुंचीं ममता
पूर्वी मेदिनीपुर जिले का नंदीग्राम इलाका 2007 में रसायन हब के लिए जमीन के बलपूर्वक अधिग्रहण के खिलाफ टीएमसी के नेतृत्व में हुए किसानों के आंदोलन का गवाह रहा है. बनर्जी ने जब भवानीपुर सीट के बजाय इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो सबकी निगाहें इस सीट पर टिक गईं.
'दीदी' को घेरने उतरे दिग्गज
भाजपा ने अधिकारी का गढ़ बचाने और 'दीदी' को घेरने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती को प्रचार मैदान में उतारा.