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आईएमए धोखाधड़ी मामला : पूर्व मंत्री रोशन बेग के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल

आईएमए के करोड़ों रुपये के धोखाधड़ी मामले को लेकर सीबीआई ने बेंगलुरू की विशेष सीबीआई अदालत में पूर्व मंत्री आर रोशन बेग के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है.

आईएमए
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Published : Apr 27, 2021, 10:21 PM IST

नई दिल्ली : सीबीआई ने 4000 करोड़ रुपये के आई-मॉनेटरी एडवाइजर (आईएमए) पोंजी घोटाले मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री रोशन बेग के खिलाफ मंगलवार को एक पूरक आरोपपत्र दायर किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

बेंगलुरु की एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में सीबीआई ने आईएमए समूह के तत्कालीन प्रबंध निदेशक मंसूर खान, कंपनी, बेग की कंपनी दानिश पब्लिकेशंस और अन्य का भी नाम है.

सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी एक बयान में कहा, यह आरोप लगाया गया है कि आरोपी पूर्व मंत्री को चुनाव खर्च के लिए आईएमए कोष से कई करोड़ रुपये मिले. यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी दिन-प्रतिदिन के खर्च के लिए भी उक्त धन का उपयोग कर रहा था, जिसमें उसकी कंपनी के कर्मचारियों का वेतन का भुगतान भी शामिल है. यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए इसमें से धन खर्च किया.

आईएमए घोटाला आईएमए समूह द्वारा इस्लामिक तरीकों से निवेश पर आकर्षक रिटर्न प्रदान करने के नाम पर एक लाख से अधिक निवेशकों से एकत्रित 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का है.

अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि पैसा बेग को मुहैया कराया गया ताकि आईएमए समूह अपनी अवैध गतिविधि जारी रख सके. बेग कर्नाटक में सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री थे.

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सीबीआई ने इस घोटाले के सिलसिले में चार मामले दर्ज किए थे और इससे पहले खान, कंपनी निदेशकों, कई राजस्व और पुलिस अधिकारियों सहित 33 आरोपियों के खिलाफ तीन आरोपपत्र और तीन पूरक आरोपपत्र दायर किए थे.

जोशी ने कहा, 'यह आरोप लगाया गया है कि उक्त समूह ने अनधिकृत जमा राशि जुटाई और लोगों को मूलधन एवं वादे के अनुसार राशि नहीं लौटाकर उन्हें धोखा दिया. इस धन का उपयोग कथित रूप से संपत्तियों के अधिग्रहण, रिश्वत राशि का भुगतान करने आदि में किया गया. केपीआईडीएफई (कर्नाटक में वित्तीय प्रतिष्ठानों में जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण) अधिनियम, 2004 के तहत कई चल एवं अचल सम्पत्तियों की पहचान करके उन्हें कुर्क किया गया.

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