देहरादून/अल्मोड़ा :स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बार फिर अल्मोड़ा जेल (Almora Jail) में कुख्यातों के नेटवर्क का पकड़ा है. इस बार हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहा महिपाल अपने साथी अंकित बिष्ट के साथ मिलकर प्रदेश में नशे का कारोबार चला रहा था. छापेमारी के दौरान जेल से मोबाइल फोन सिम और नकदी भी बरामद हुई है. मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं, जेल में कैदियों तक मोबाइल, नकदी और अन्य प्रतिबंधित सामान किसने पहुंचाया, पुलिस इसकी पड़ताल में जुट गई है. कई और संदिग्ध पुलिस के रडार पर हैं.
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में अलग-अलग हिस्सों से 5 तस्करों को भी पकड़ा गया है. इनके कब्जे से भारी मात्रा में चरस, गांजा और शराब आदि बरामद किये गए हैं. दरअसल, एसपी एसटीएफ चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि अल्मोड़ा जेल के अंदर महिपाल सिंह और अंकित बिष्ट मादक पर्दाथों की तस्करी कर रहे हैं. इस सूचना पर एसटीएफ की ओर से जांच की गई और पाया गया कि पौड़ी, कोटद्वार, पटेलनगर देहरादून और हल्द्वानी क्षेत्र में इस तरह तस्करी की जा रही थी.
जब एसटीएफ की टीम ने एक साथ इन जेलों में दबिश दी तो जेल में बंद महिपाल और अंकित के पास से एक मोबाइल, एक सिम और तीन ईयरफोन सहित 24 हजार रुपए नकद बरामद हुए. इसके साथ ही एसटीएफ की टीम ने अल्मोड़ा, कोटद्वार, बडोवाला, ऋषिकेश, बरेली, शाहजहांपुर सहित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी करते हुए लाखों का ड्रग्स भी बरामद किया है.
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एसपी एसटीएफ चंद्र मोहन सिंह के मुताबिक, दोनों आरोपी जेल से ही अपने बाहर के साथियों के साथ मोबाइल से संपर्क रखकर मादक पर्दाथों का नेटवर्क चला रहे थे. एसटीएफ ने पांच टीमें बनाकर कार्रवाई की और बाहर के लोगों को जब गिरफ्तार किया तो उनसे गांजा और शराब की पेटियां बरामद हुईं. गिरफ्तार हुए आरोपियों के अलावा अन्य लोगों की भी जांच की जा रही है. जो भी इसमें शामिल होंगे, उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी.
उन्होंने बताया कि जेल में बंद महिपाल हत्या के प्रयास में सजा काट रहा है. जबकि, अंकित एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में सजा भुगत रहा है. पूरे मामले की जांच की जा रही है कि इन्हें जो रुपए मिलते थे, वो कैसे मिलते थे और किस खाते में जमा करते थे?
जेल अधिकारियों की भी होगी जांच
जेल के अंदर से जो भी नेटवर्क चल रहा है, उसमें एसटीएफ की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. एसटीएफ ने पूर्व में भी जेल में अंदर चले नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की थी. चंद्र मोहन सिंह का कहना है कि जेल के अंदर चल रहे नशे के धंधे को लेकर जेल के अधिकारियों की भी जांच की जाएगी.
एसपी एसटीएफ ने बताया कि, फिलहाल मामले में बाहर से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जांच के दौरान पता चला कि गिरफ्तार हुए मनीष बिष्ट और दीपक तिवारी बिचौलिए का काम करते थे. उनके इस गैंग में उत्तर प्रदेश की लोगों की जुड़े होने की आशंका भी जताई जा रही है. चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि, इन आरोपियों के पास जो भी सामान आता था, वो उत्तर प्रदेश से सप्लाई होता थी. अब जांच के दौरान जो भी तथ्य आएंगे, उसी अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
गिरफ्तार आरोपी:-
- दीपक तिवारी उर्फ दीपू पुत्र डीसी तिवारी, निवासी कालिका कॉलोनी, खटघरिया लोहारिया, हल्द्वानी.
- संतोष रावत उर्फ संतु पुत्र लक्ष्मण निवासी बड़ोवाला आरकेडिया ग्रांट, देहरादून.
- भास्कर नेगी पुत्र सदर सिंह नेगी निवासी लिंबचोड़, कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल.
- संतोष पत्नी स्वर्गीय राजेश निवासी गोविंद नगर ऋषिकेश, देहरादून.
- मनीष बिष्ट उर्फ मन्नी पुत्र धन सिंह बिष्ट, निवासी बछुवावण मल्ला, गैरसैंण, चमोली.
ड्रग्स तस्करी के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन
वहीं,एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि नशा तस्करी के लिए रुपये ऑनलाइन लिये जाते थे. ऐसे एक व्यक्ति के बारे में पता चला है और एसटीएफ ने एक टीम को काशीपुर में उसके घर पर तस्दीक के लिए भेजा है. पुख्ता सबूत मिलते ही उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा.
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