नई दिल्ली : संघ से सम्बद्ध संस्था शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के द्वारा कोरोना महामारी के दौर और उसके बाद में उच्च शिक्षा विषय पर आयोजित विमर्श में न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को बनाने के लिये कौशल विकास, शोध और नवाचार को साथ मिला कर विचार करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि इसके लिये देश में शोध की दिशा को बदलना होगा. देश ने सूचना प्रद्योगिकी और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में अच्छा विकास किया है, लेकिन हार्डवेयर के मामले में हम आज भी पिछड़े हुए हैं. उदाहरण के तौर पर देश में मोबाइल फोन तो बनाए जा रहे हैं, लेकिन सभी पार्ट्स विदेशों से ही आते हैं. हम यहां असेम्बल कर देते हैं.
उच्च शिक्षा में छात्रों के समग्र मूल्यांकन पर जोर देते हुए शिक्षाविद अतुल कोठारी ने कहा कि अब तक शिक्षा नीति में केवल परीक्षा के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन होता रहा है. नई शिक्षा नीति समग्र मूल्यांकन की बात करती है, लेकिन मूल्यांकन की प्रक्रिया में तकनीक का इस्तेमाल हो इस पर विचार करने की आवश्यकता है.
अतुल कोठारी ने कोरोना काल में शिक्षा में आई दिक्कतें और परीक्षा के न होने की परिस्थिति पर बात करते हुए कहा कि क्या शिक्षा में हम इस तरह की तकनीक से मूल्यांकन कर सकते हैं, जिसमें बिना परीक्षा के भी छात्रों को अलग-अलग आधार पर उनका मूल्यांकन किया जा सके. इस प्रक्रिया में अभिभावको को भी शामिल किया जा सकता है.