नई दिल्ली : यूपी के इत्र व्यापारी पीयूष जैन के घर छापेमारी को लेकर सपा के बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि कानून और प्रवर्तन एजेंसियां प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर छापे और तलाशी की कार्रवाई करती हैं. कर छापे को राजनीति से प्रेरित बताए जाने के विपक्ष के आरोप पर सीतारमण ने कहा, क्या कर अधिकारी कार्रवाई के बाद खाली हाथ लौटे?
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा, आज के आयकर छापे (इत्र व्यवसायियों और एसपी एमएलसी पुष्पराज जैन और अन्य की संपत्तियों पर) की कार्रवाई पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर की जा रही है. आज के आईटी छापे में असंबद्ध सामग्री सामने आ रही है.
सीतारमण ने कहा कि उन्हें (सपा प्रमुख) संगठन को संदेह नहीं करना चाहिए. जब्त नकदी सबूत है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां ईमानदारी से काम कर रही हैं... क्या हमें चुनाव के बाद मुहूर्त का इंतजार करना चाहिए या आज ही चोर को पकड़ना चाहिए?.
वित्त मंत्री ने कहा, यह भाजपा का पैसा नहीं
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां से छापेमारी में बरामद करीब 200 करोड़ रुपये की नकदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नहीं है. उन्होंने कहा कि छापेमारी की कार्रवाई कदम उठाने लायक खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी.
वित्त मंत्री ने कहा, 'यह भारतीय जनता पार्टी का पैसा नहीं है.' उनसे विपक्ष के आरोपों के बारे में सवाल किया गया था. विपक्षी दलों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां से बरामद 197.49 करोड़ रुपये भाजपा का धन है और कर अधिकारियों ने जैन के यहां छापेमारी 'भूलवश' कर दी और अब उन दूसरे जैन व्यापारी के यहां छापेमारी की जा रही है जिनके यहां वास्तव में छापेमारी पहले की जानी चाहिए थी.
कार्रवाई का बचाव करते हुए सीतारमण ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव छापेमारी से 'घबरा' गए हैं. उन्होंने कहा, 'आपको कैसे पता कि यह पैसा किसका है? क्या आप उसके साझेदार हैं? क्योंकि केवल साझेदारों को ही पता होता है कि किसका पैसा रखा गया है.'