तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने मालाबार दौरे को लेकर केरल में पार्टी के अंदर मची हलचल के बीच मंगलवार को पनक्कड़ में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के अध्यक्ष सैयद सादिक अली शिहाब थंगल से मुलाकात की. थरूर ने मलप्पुरम जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय का भी दौरा किया. यूडीएफ-सहयोगी आईयूएमएल के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद थरूर ने कहा कि पनक्कड़ की मेरी यात्रा में कुछ भी असामान्य नहीं था. देश में विभाजनकारी राजनीति के समय समावेशी राजनीति की जरूरत है. भारत के भविष्य के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए.
मीडिया ने सवाल किया कि केरल में उनके दौरे से कौन डरता है, इसके जवाब में थरूर ने कहा, 'मैं किसी से नहीं डरता और किसी को मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है.' उन्होंने यह भी कहा कि उनकी राज्य कांग्रेस के भीतर कोई गुट बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. तिरुवनंतपुरम के सांसद की टिप्पणी उन अटकलों के बीच महत्व रखती है कि केरल में कांग्रेस नेतृत्व का एक वर्ग उनके बढ़ते समर्थन और राज्य में पार्टी के भीतर एक 'थरूर गुट' के उभरने से आशंकित प्रतीत होता है, जहां पार्टी ने 2016 में प्रतिद्वंद्वी माकपा के हाथों सत्ता गंवा दी थी. थरूर ने हालांकि पनक्कड़ में सादिक अली शिहाब थंगल के आवास पर आईयूएमएल नेताओं के साथ अपनी बैठक को यह कहकर ज्यादा महत्व नहीं दिया कि यह जिले में एक कार्यक्रम के लिये जाते समय हुई सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी.
वहां मौजूद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी उनके दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं बताया और कहा कि जब भी वे इस क्षेत्र से गुजरते हैं तो वे सभी थंगल से मिलते हैं. अपने कट्टर समर्थक और सांसद एम के राघवन के साथ थरूर ने यह भी कहा कि गुट बनाने का उनका कोई इरादा या रुचि नहीं है.
थरूर ने कहा, 'कुछ लोग कह रहे हैं कि यह (उनका दौरा) विभाजनकारी रणनीति या गुटबाजी है. हमारा कोई गुट बनाने का इरादा नहीं है और न ही हमारी इसमें रुचि है. कांग्रेस पहले से ही 'ए' और 'आई' समूहों से भरी हुई है और अब 'ओ' और 'वी' जैसे अक्षर जोड़ने की जरूरत नहीं है.' केरल में करुणाकरण और एके एंटनी, दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के समय से कांग्रेस पार्टी में 'ए' और 'आई' समूह सक्रिय हैं.