उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को आज 11 दिन हो गए हैं. पिछले 11 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन भी दिन रात जारी है. देहरादून से लेकर दिल्ली तक सरकारें रेस्क्यू ऑपरेशन के पल-पल का अपडेट ले रही हैं. दुनिया की हर लेटेस्ट तकनीक का प्रयोग उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में किया जा रहा है. रेस्क्यू पूरा होने से पहले ही टनल में 41 एंबुलेंस आपात चिकित्सा के लिए तैयार रहेंगी. वहीं रात को करीब आठ बजे के करीब एनडीआरएफ के जवान सुरंग में गए है, जिससे उम्मीदें और बढ़ गई है.
भास्कर खुल्बे ने बताया कितनी हुई ड्रिलिंग:प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार, भास्कर खुल्बे और उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला आज सुबह सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे. भास्कर खुल्बे ने इस दौरान कहा कि ये हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि क्षैतिज यानी हॉरिजोंटल (Horizontal) पाइपलाइन सुरंग के अंदर से 45 मीटर पाइपलाइन ड्रिल की गई है. अभी तक सब कुछ अच्छा चल रहा है. खुल्बे ने कहा कि उनकी रेस्क्यू वर्क में लगी टीम के सदस्यों से बात की है. सबका हौसला बुलंद है. हम उम्मीद करते हैं कि जल्द रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लेंगे.
लार्सन एंड टूब्रो के सुरक्षा प्रमुख ने कहा सही चल रहा काम:इधर रेस्क्यू में लगे एल एंड टी (लार्सन एंड टूब्रो) के सुरक्षा प्रमुख निगेल का कहना है कि मौजूदा स्थिति ये है कि वो एक तरह से ड्रिलिंग कर रहे हैं. ड्रिलिंग का काम बहुत अच्छा चल रहा है. निगेल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि हम जल्द ही अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे. लार्सन एंड टूब्रो के सुरक्षा प्रमुख ने कहा कि हम माइक्रो टनलिंग में भी मदद कर रहे हैं और पूरा काम सही तरीके से चल रहा है.
बीआरओ ने कहा दूसरे छोर पर पहुंच गई है मशीन: बीआरओ के मेजर नमन नरूला भी सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन स्थल पर डटे हैं. नरूला का कहना है कि हमारा काम ऊर्ध्वाधर यानी वर्टिकल (vertical) ड्रिलिंग के पहुंचने को एक रास्ता देना था, जो सुरंग के सिल्क्यारा छोर पर था. इसमें 1,150 मीटर का ट्रैक बनाना था. हमने ये काम करके 20 नवंबर को ही सौंप दिया था. ट्रैक के अंत में, दो वर्टिकल ड्रिल किए जाने हैं. दो में से एक मशीन साइट पर पहुंच गई है. हमारा दूसरा काम बड़कोट की ओर एक पहुंच मार्ग देना था. ये सुरंग का दूसरा छोर है.
36 बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रिलिंग के लिए मशीनगरी सिलक्यारा टनल के छोर की साइट पर पहुंच गई है. इसके साथ ही वहां ड्रिलिंग शुरू हो गई है. आज से बड़कोट वाले छोर पर काम शुरू हो रहा है.
एनडीआरएफ ने कहा सुरंग के अंदर फंसे लोगों के करीब पहुंच गए: रेस्क्यू में लगे एनडीआरएफ के सेकेंड इन कमांड रवि एस बधानी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत अच्छा चल रहा है. बहुत बढ़िया वर्टिकल ड्रिलिंग चल रही है. रवि ने आश्वस्त किया कि हम सुरंग के अंदर फंसे लोगों के काफी करीब पहुंच चुके हैं. हालांकि अभी समय सीमा बताना कठिन है कि कब तक हम उनको रेस्क्यू कर लेंगे, लेकिन जल्द खुशखबरी मिलने वाली है. एनडीआरएफ के सेकेंड इन कमांड ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की स्थिति ठीक है.
उन्हें आज यानी बुधवार सुबह भी नाश्ता दिया गया है. उनसे ठीक ठाक कम्यूनिकेशन हो रहा है. रवि एस बधानी ने एक और अच्छी बात बताई कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों का रेस्क्यू स्थल सिलक्यारा आए अपने परिजनों से वार्तालाप हो रहा है. सुरंग के अंदर फंसे लोगों, उनके परिजनों और रेस्क्यू टीमों का मनोबल काफी ऊंचा है.
सिलक्यारा सुरंग के बाहर तैनात हुईं एंबुलेंस: एक तरफ सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. दूसरी तरफ रेस्क्यू पूरा होते ही सुरंग के अंदर फंसे लोगों का मेडिकल सहायता चाहिए होगी. इसके लिए उत्तरकाशी की टनल के बाहर एंबुलेंस खड़ी की गई हैं. एंबुलेंस के ड्राइवर नवीन ने बताया कि अब तक चार एंबुलेंस सिलक्यारा टनल के बाहर तैनात की गई हैं.
35-36 एंबुलेंस जल्द ही यहां और आ जाएंगी. इन एंबुलेंस को देहरादून, हरिद्वार और टिहरी जिलों से सिलक्यारा टनल भेजा गया है. बचाव अभियान पूरा होने के चार घंटे पहले, सभी एंबुलेंस कतार में खड़ी हो जाएंगी. एंबुलेंस चालक नवीन ने बताया कि 41 एंबुलेंस जल्द लाइन में दिखेंगी.
41 एंबुलेंस रहेंगी तैनात: एंबुलेंस के स्टाफ सदस्य हरीश प्रसाद ने बताया कि मेडिकल से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क, स्ट्रेचर, बीपी उपकरण समेत सभी मशीनें और सुविधाएं यहां पर की गई हैं. सरकार को 40-41 एंबुलेंस की मांग भेजी गई थी.
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