नई दिल्ली : भारत में सोमवार से Covid19 प्रतिबंधों पर अधिक छुट मिलनी शुरू हो गई है. इस पर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के प्रसिद्ध सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और उत्कृष्टता के प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा डॉ सुनीला गर्ग ने ईटीवी भारत को बताया कि इस बार अनलॉक करने की प्रक्रिया में प्रभावी रणनीति की जरूरत है.
डॉ गर्ग ने कहा कि वायरस हमारे जीवन से खत्म नहीं हुआ है. देश अभी भी डेल्टा वेरिएंट से लड़ रहा है. 123 देश आज भी डेल्टा वेरिएंट से लड़ रहे हैं. वहीं, भारत के पांच राज्यों में कोविड पॉजीटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक है. ऐसे में छूट अधिक रणनीतिक होनी चाहिए.
डॉ सुनीला गर्ग से खास बातचीत. बता दें कि तीन महीने से बंद दिल्ली में पीवीआर सोमवार से खोल दिया गए हैं. सरकार ने दिल्ली मेट्रो को भी 100 फीसदी क्षमता के साथ चलने की इजाजत दे दी है. कई राज्य सरकारों ने आर्थिक गतिविधियों के लिए और छूट देना शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा कि हमारी आबादी के लगभग 43 करोड़ लोगों को ही टीका लगाया गया है, जिससे पता चलता है कि अधिकांश आबादी को अभी तक टीका नहीं लग पाया है. डॉ गर्ग ने कहा कि हमें अनलॉक के लिए सावधानी बरतनी पड़ेगी. अगर हम दिल्ली के बारे में बात करते हैं, तो यह हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के साथ अपनी सीमा साझा करता है. इससे राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है. हमें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.
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गर्ग ने कहा कि हमारी अधिकांश आबादी अभी भी संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील है. इसलिए, हमें अपने लोगों को बड़े पैमाने पर टीकाकरण करने की जरूरत है. उन्होंने आगाह किया कि संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ही दोबारा अनलॉक करनी चाहिए. गर्ग ने कहा कि हमारी टीकाकरण प्रक्रिया भी बहुत धीमी है. हमें टीकाकरण प्रक्रिया में भी तेजी लाने की जरूरत है.
18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकों का जिक्र करते हुए, डॉ गर्ग ने कहा कि भारत बायोटेक, जाइकोविड, मॉडर्न और फाइजर सहित कई वैक्सीन निर्माता वर्तमान में परीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सितंबर तक तस्वीर और स्पष्ट हो जाएगी. भारत बायोटेक अपने तीसरे चरण में है. फाइजर, मॉडर्न जैसे वैक्सीन निर्माता 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए परीक्षण कर रहे हैं.