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नारायणपुर मुठभेड़ में मारा गया ग्रामीण नहीं था नक्सली : छत्तीसगढ़ पुलिस

नारायणपुर नक्सली मुठभेड़ (narayanpur encounter) में एक नक्सली को मार गिराने का दावा कर रही पुलिस अब अपने बयान से पलट रही है. जांच के बाद पुलिस का कहना है कि क्रॉस फायरिंग में ग्रामीण की मौत (Chhattisgarh tribal killed in encounter) हुई है. उसका नक्सलियों से संबंध नहीं था.

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नारायणपुर मुठभेड़

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Published : Feb 1, 2022, 2:49 AM IST

Updated : Feb 1, 2022, 6:25 AM IST

नारायणपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस ने गणतंत्र दिवस से दो दिन पहले नारायणपुर जिले में नक्सली मुठभेड़ (narayanpur encounter) में एक नक्सली को मार गिराने का दावा किया था. जिसके बाद से मुठभेड़ को लेकर सवाल उठ रहे थे. पीड़ित परिवार ने पुलिस के दावे को सिरे से खारिज कर दिया था. अब मुठभेड़ के एक सप्ताह बाद पुलिस के सुर बदल से गए हैं. मामले में आईजी ने कहा कि क्रॉस फायरिंग में ग्रामीण की मौत हुई है.

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने एसपी कार्यालय में मीडिया को बताया कि घटना के दिन मृतक अपने साथियों के साथ शिकार करने जंगल गया हुआ था. शिकार करते हुए वो पुलिस और नक्सलियों के बीच फायरिंग रेंज में आ गया. इस दौरान मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग के दौरान युवक की मौत हो गई. आईजी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. जांच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं उसके हिसाब से मृतक मानूराम नुरेटी के परिवार को सहायता प्रदान की जाएगी.

नारायणपुर मुठभेड़ पर पुलिस का यू-टर्न

मालूम हो कि मुठभेड़ के बाद पुलिस अधिकारियों ने एक नक्सली को मार गिराने का दावा किया था. वहीं, मृतक के परिजनों ने उसके नक्सली संगठन से जुड़े होने से इनकार किया था. मानूराम के परिजनों ने पुलिस के इस दावे का शुरू से खंडन किया था कि वह नक्सली नहीं था. मानूराम के बड़े भाई और पुलिस में जवान रैनुराम नुरेटी ने कहा था कि उनका भाई नक्सली नहीं था बल्कि उनका परिवार खुद नक्सली हिंसा का शिकार है. नारायणपुर पुलिस के डीआरजी इकाई में आरक्षक के पद पर तैनात रैनुराम ने बताया कि उनके भाई मानूराम ने पुलिस के बस्तर फाइटर के लिए हो रही भर्ती में आरक्षक पद के लिए आवेदन किया था. उसकी तैयारी कर रहा था.

मानूराम की पत्नी मनबती नुरेटी का कहना है कि उसका पति एक किसान था और उसके पास कभी हथियार नहीं था. रविवार रात खाना खाने के बाद मानूराम टहलने के निकला था. उसके हाथ में गुलेल (पक्षियों का शिकार करने के लिए लकड़ी और रबर से बना हथियार) था. मनबती और अन्य ग्रामीणों ने न्याय की मांग को लेकर नारायणपुर जिले के कलेक्टर को पत्र दिया है. परिजनों के दावे के बाद भाजपा मदद को सामने आ रही है.

मामले में सियासत जारी
पूरे मामले को विपक्ष ने आड़े हाथों लेते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा ने मुठभेड़ की जांच के लिए जांच समिति बनाई है. पूर्व मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में बनी छह सदस्यीय समिति में भाजपा के कई आदिवासी नेता शामिल हैं. भाजपा अब इस मामले की जांच रिपोर्ट प्रदेश कार्यकारिणी को सौंप कर प्रदेश भर में उग्र आन्दोलन करने की बात कह रही है.

यह भी पढ़ें- Narayanpur Encounter: मारे गए नक्सली के परिजनों ने मुठभेड़ को बताया फर्जी

Last Updated : Feb 1, 2022, 6:25 AM IST

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