नारायणपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस ने गणतंत्र दिवस से दो दिन पहले नारायणपुर जिले में नक्सली मुठभेड़ (narayanpur encounter) में एक नक्सली को मार गिराने का दावा किया था. जिसके बाद से मुठभेड़ को लेकर सवाल उठ रहे थे. पीड़ित परिवार ने पुलिस के दावे को सिरे से खारिज कर दिया था. अब मुठभेड़ के एक सप्ताह बाद पुलिस के सुर बदल से गए हैं. मामले में आईजी ने कहा कि क्रॉस फायरिंग में ग्रामीण की मौत हुई है.
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने एसपी कार्यालय में मीडिया को बताया कि घटना के दिन मृतक अपने साथियों के साथ शिकार करने जंगल गया हुआ था. शिकार करते हुए वो पुलिस और नक्सलियों के बीच फायरिंग रेंज में आ गया. इस दौरान मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग के दौरान युवक की मौत हो गई. आईजी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. जांच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं उसके हिसाब से मृतक मानूराम नुरेटी के परिवार को सहायता प्रदान की जाएगी.
मालूम हो कि मुठभेड़ के बाद पुलिस अधिकारियों ने एक नक्सली को मार गिराने का दावा किया था. वहीं, मृतक के परिजनों ने उसके नक्सली संगठन से जुड़े होने से इनकार किया था. मानूराम के परिजनों ने पुलिस के इस दावे का शुरू से खंडन किया था कि वह नक्सली नहीं था. मानूराम के बड़े भाई और पुलिस में जवान रैनुराम नुरेटी ने कहा था कि उनका भाई नक्सली नहीं था बल्कि उनका परिवार खुद नक्सली हिंसा का शिकार है. नारायणपुर पुलिस के डीआरजी इकाई में आरक्षक के पद पर तैनात रैनुराम ने बताया कि उनके भाई मानूराम ने पुलिस के बस्तर फाइटर के लिए हो रही भर्ती में आरक्षक पद के लिए आवेदन किया था. उसकी तैयारी कर रहा था.