मुंबई : महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक उठापटक ने सबकी दिलचस्पी बढ़ा दी है. एनसीपी में बगावत के बाद पार्टी का एक धड़ा भाजपा और शिवसेना गठबंधन के साथ जाकर खड़ा हो गया. वैसे, अजित पवार ने दावा किया है कि वह एनसीपी के तौर पर ही सरकार में शामिल हुए हैं. उनके साथ मंत्री पद की शपथ लेने वाले छगन भुजबल ने अजित पवार की ही बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उन्होंने बतौर एनसीपी, भाजपा-शिवसेना का साथ दिया है. पर, शरद पवार ने इसका खंडन कर दिया. शरद पवार ने कहा कि एनसीपी उनकी पार्टी है और वह फिर से इसमें नई जान फूंकेंगे. सोमवार से उन्होंने अपने प्रयास की शुरुआत भी कर दी है.
अब लोग ये सवाल पूछ रहे हैं कि भाजपा कल तक जिस पार्टी और जिन नेताओं को कोस रही थी, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के साक्ष्य बटोर रही थी, आज उनके साथ गलबहियां डाले क्यों खड़ी है ? इससे जुड़े भाजपा नेताओं का दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एक वीडियो भाजपा के वरिष्ठ नेता किरिट सोमैया का है.
इसमें किरिट सोमैया एनसीपी नेता हसन मुशरीफ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. सोमैया ने हसन पर 1500 करोड़ रु. के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है. इस पर वरिष्ठ टिप्पणीकार आनंद रंगनाथन ने कहा कि पिछले एक साल से किरिट सोमैया लगातार हसन मुशरीफ के खिलाफ सबुत जुटा रहे थे.
रंगनाथन के अनुसार किरिट सोमैया के प्रयास से ही हसन मुशरीफ के खिलाफ ईडी और सीबीआई जैसी जांच एंजेंसियां सक्रिय हुईं. लेकिन अब देखिए, उसी हसन मुशरीफ को भाजपा-शिवसेना ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया.
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार जे गोपीकृष्णन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 2014 में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनसीपी को 'नेचुरली करप्ट पार्टी' कहा था, लेकिन कुछ महीने बाद ही उनकी सरकार ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को पद्म विभूषण अवार्ड से सम्मानित किया. पीएम मोदी ने लगभग यही काम सपा नेता मुलायम सिंह यादव के मामले में भी किया था. पहले उन पर गंभीर आरोप लगाए, और बाद में उन्हें पद्म अवार्ड से सम्मानित किया.
सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि 2019 में जब महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर समस्या आ रही थी, तब अंदरखाने शरद पवार से भी संपर्क साधाा गया था, ताकि भाजपा और एनसीपी मिलकर सरकार बनाए. ये अलग बात है कि यह बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी.
इसी तरह से देवेंद्र फडणवीस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रहा है. यह वीडियो भी 2014 का है. इसमें फडणवीस फिल्म शोले के एक डायलॉग के जरिए अजित पवार पर आरोप लगा रहे हैं. अजित पवार पर सिंचाई घोटाले का आरोप लगा था.