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महाराष्ट्र मंत्री पर स्याही फेंकने मामले में 3 गिरफ्तार, 7 कांस्टेबल, 3 ऑफिसर संस्पेंड

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल की कथित टिप्पणी को लेकर पुणे के उपनगरीय इलाके पिंपरी में शनिवार को उन पर स्याही फेंकी गई थी. इस घटना में पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने अपने सात पुलिस कांस्टेबलों और तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं, स्याही फेंकने वाले समेत दो साथियों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया है.

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महाराष्ट्र मंत्री

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Published : Dec 11, 2022, 9:55 AM IST

Updated : Dec 11, 2022, 11:23 AM IST

पुणे : महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांच पाटिल पर स्याही फेंकने के मामले में चिंचवाड़ थाने में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी व्यक्तियों के नाम मनोज भास्कर घरबड़े (समता सैनिक दल के आयोजक), धनंजय भाऊसाहेब इजागज (समता सैनिक दल सदस्य) और विजय धर्म ओवल (वांचित बहुजन अघाड़ी) हैं. वहीं, शनिवार को घटना के सिलसिले में पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने अपने सात पुलिस कांस्टेबलों और तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

महाराष्ट्र मंत्री पर स्याही फेंकने का मामला

गौरतलब है कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल की कथित टिप्पणी को लेकर पुणे के उपनगरीय इलाके पिंपरी में शनिवार को उन पर स्याही फेंकी गई थी. इस घटना के एक वीडियो में दिखाया गया है कि एक व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता पर तब स्याही फेंक रहा है जब वह पिंपरी चिंचवाड़ स्थित एक इमारत से निकल रहे थे. लेकिन मंत्री की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने युवक को तुरंत पकड़ लिया.

औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरन राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री की ओर से डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में की गई कथित टिप्पणी के बाद यह हमला किया गया. हमले से पहले कुछ कार्यकर्ताओं ने मंत्री के काफिले को काला झंडा दिखाने की कोशिश की.

बता दें कि शुक्रवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री पाटिल ने मराठी में कहा था कि आंबेडकर और फुले ने शैक्षणिक संस्थान चलाने के लिए सरकारी अनुदान नहीं मांगा, उन्होंने लोगों से स्कूल और कॉलेज शुरू करने के लिए धन इकट्ठा करने के लिए ‘भिक्षा’ मांगी. ‘भिक्षा’ शब्द के प्रयोग से विवाद खड़ा हो गया. शनिवार रात उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह इस तरह के हमलों से डरते नहीं हैं और सभी विपक्षी नेताओं को इसकी निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बयान को गलत समझा गया.’’ उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के निर्देशों का पालन करने और कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की.

Last Updated : Dec 11, 2022, 11:23 AM IST

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