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International Day of Peace 2021: आज मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस, जानें इतिहास और महत्व

आज दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर के देशों के बीच शांति को बढ़ावा देना है.

आज मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस
आज मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस

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Published : Sep 21, 2021, 7:29 AM IST

हैदराबाद: हर साल 21 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस (International Day of Peace) मनाया जाता है. इसे विश्व शांति दिवस के रूप में भी जाना जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने दुनियाभर के तमाम देशों के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने, अंतरराष्ट्रीय युद्धों को खत्म करने और देशों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए इस दिवस की स्थापना की थी.

संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने पहली बार 1981 में इसे मनाए जाने की घोषणा की थी. जिसके बाद हर साल इसे मनाया जाता है. आज अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र संगठन से लेकर कई अन्य संगठन कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.

बता दें, जिनेवा शांति वार्ता का 9वां सत्र (9th session of Geneva peace talks) 'एक न्यायसंगत और सतत दुनिया के लिए बेहतर पुनर्प्राप्त करना' आज आयोजित किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से तुर्कमेनिस्तान द्वारा शुरू किए गए एक प्रस्ताव को अपनाया है, जिसमें वर्ष 2021 को 'शांति का अंतरराष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया गया.

दुनियाभर में शांति के लिए पुरस्कार :

  • संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को की मदद से अमेरिका ने 9 पुरस्कार दिए
  • विश्व का सर्वोच्च शांति पुरस्कार नोबेल शांति पुरस्कार है
  • पहला नोबेल पुरस्कार 1901 में 1,50,000 स्वीडिश क्रोना नकद पुरस्कार के तौर पर दिया गया था. बता दें, 2020 में यह स्वीडिश क्रोना का नकद पुरस्कार 8.9 मिलियन के बराबर है. वहीं, 2020 में लगभग 1 मिलियन डॉलर के भी बराबर है.

2020 में नोबेल पुरस्कार 10,000,000 स्वीडिश क्रोना या US$1,145,000, या €968,000, या £880,000 है. बता दें, एक पुरस्कार तीन से अधिक व्यक्तियों के बीच साझा नहीं किया जा सकता है, हालांकि नोबेल शांति पुरस्कार तीन से अधिक लोगों के संगठनों को प्रदान किया जा सकता है.

  • 1901 से 131 पुरस्कार विजेताओं को 100 बार नोबेल शांति पुरस्कार दिया जा चुका है. जिनमें 90 पुरुष, 17 महिलाएं और 24 संगठन शामिल हैं.
  • साहित्य में सबसे अधिक नोबेल पुरस्कार विजेताओं वाला देश फ्रांस है, जिसमें 1901 से 15 व्यक्तियों ने पुरस्कार जीता है, फ्रांसीसी कवि और निबंधकार सुली प्रुधोमे इस पुरस्कार के पहले विजेता बने. 1964 में जीन-पॉल सार्त्र को भी पुरस्कार दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे स्वेच्छा से अस्वीकार कर दिया था.

कुछ ध्यान देने योग्य नोबेल शांति पुरस्कार:

1979 भारत

मदर टेरेसा (1910-1997) (मैसेडोनिया में जन्म)

मदर टेरेसा ने गरीबी और संकट को दूर करने के लिए कई काम किए, जो शांति के लिए अभी भी खतरा हैं.

1989 भारत

तेनजिन ग्यात्सो, 14वें दलाई लामा (जन्म 1935) (तिब्बत में जन्म)

तेनजिन ग्यात्सो को तिब्बत की मुक्ति के लिए किए गए अहिंसक संघर्ष और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए सहिष्णुता और शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया था.

1991 बर्मा

आंग सान सू की (जन्म 1945) को लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए उनके अहिंसक संघर्ष के लिए दिया गया था.

1994 फ़िलिस्तीन, इज़राइल

1994 फिलिस्तीन

यासिर अराफात (1929-2004)

1994 इज़राइल

यित्ज़ाक राबिन (1922-1995)

1994 इज़राइल

शिमोन पेरेस (1923-2016)

एक राजनीतिक कार्य का सम्मान करने के लिए जिसने दोनों पक्षों में बहुत साहस का आह्वान किया और जिसने मध्य पूर्व में बिरादरी की दिशा में एक नए विकास के अवसर खोले.

2009 संयुक्त राज्य अमेरिका बराक ओबामा (जन्म 1961) : अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और लोगों के बीच सहयोग को मजबूत करने के उनके असाधारण प्रयासों के लिए पुरस्कार दिया गया.

2014 भारत, पाकिस्तान

2014 भारत: कैलाश सत्यार्थी (जन्म 1954) और पाकिस्तान मलाला यूसुफजई (जन्म 1997) को बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ उनके संघर्ष और सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिए नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

2020 विश्व खाद्य कार्यक्रम (1961 में स्थापित) संयुक्त राष्ट्र

भूख से लड़ने के अपने प्रयासों के लिए संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में शांति के लिए बेहतर परिस्थितियों में इसके योगदान के लिए और युद्ध और संघर्ष के हथियार के रूप में भूख के उपयोग को रोकने के प्रयासों में एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करने के लिए दिया गया.

भारत द्वारा कुछ शांति पुरस्कार :

  • भारत के धार्मिक समूहों, समुदायों, जातीय समूहों, संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं के बीच राष्ट्रीय एकता की समझ और फैलोशिप को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1987 से राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार की शुरूआत की.
  • जो अंतरराष्ट्रीय शांति, विकास और एक नई आर्थिक व्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में व्यक्तियों या संगठनों के लिए इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट ने 1986 से इंदिरा गांधी पुरस्कार की शुरूआत की.
  • शांति, समाज कल्याण, संस्कृति, स्वास्थ्य देखभाल, खेल, शिक्षा और नवाचार के लिए गांधी मंडेला फाउंडेशन ने 2019 से गांधी मंडेला पुरस्कार की घोषणा की.
  • अहिंसा और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में योगदान के लिए भारत सरकार ने 1995 से गांधी शांति पुरस्कार को शुरू किया.

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