हैदराबाद: हर साल 21 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस (International Day of Peace) मनाया जाता है. इसे विश्व शांति दिवस के रूप में भी जाना जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने दुनियाभर के तमाम देशों के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने, अंतरराष्ट्रीय युद्धों को खत्म करने और देशों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए इस दिवस की स्थापना की थी.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने पहली बार 1981 में इसे मनाए जाने की घोषणा की थी. जिसके बाद हर साल इसे मनाया जाता है. आज अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र संगठन से लेकर कई अन्य संगठन कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.
बता दें, जिनेवा शांति वार्ता का 9वां सत्र (9th session of Geneva peace talks) 'एक न्यायसंगत और सतत दुनिया के लिए बेहतर पुनर्प्राप्त करना' आज आयोजित किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से तुर्कमेनिस्तान द्वारा शुरू किए गए एक प्रस्ताव को अपनाया है, जिसमें वर्ष 2021 को 'शांति का अंतरराष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया गया.
दुनियाभर में शांति के लिए पुरस्कार :
- संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को की मदद से अमेरिका ने 9 पुरस्कार दिए
- विश्व का सर्वोच्च शांति पुरस्कार नोबेल शांति पुरस्कार है
- पहला नोबेल पुरस्कार 1901 में 1,50,000 स्वीडिश क्रोना नकद पुरस्कार के तौर पर दिया गया था. बता दें, 2020 में यह स्वीडिश क्रोना का नकद पुरस्कार 8.9 मिलियन के बराबर है. वहीं, 2020 में लगभग 1 मिलियन डॉलर के भी बराबर है.
2020 में नोबेल पुरस्कार 10,000,000 स्वीडिश क्रोना या US$1,145,000, या €968,000, या £880,000 है. बता दें, एक पुरस्कार तीन से अधिक व्यक्तियों के बीच साझा नहीं किया जा सकता है, हालांकि नोबेल शांति पुरस्कार तीन से अधिक लोगों के संगठनों को प्रदान किया जा सकता है.
- 1901 से 131 पुरस्कार विजेताओं को 100 बार नोबेल शांति पुरस्कार दिया जा चुका है. जिनमें 90 पुरुष, 17 महिलाएं और 24 संगठन शामिल हैं.
- साहित्य में सबसे अधिक नोबेल पुरस्कार विजेताओं वाला देश फ्रांस है, जिसमें 1901 से 15 व्यक्तियों ने पुरस्कार जीता है, फ्रांसीसी कवि और निबंधकार सुली प्रुधोमे इस पुरस्कार के पहले विजेता बने. 1964 में जीन-पॉल सार्त्र को भी पुरस्कार दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे स्वेच्छा से अस्वीकार कर दिया था.
कुछ ध्यान देने योग्य नोबेल शांति पुरस्कार:
1979 भारत
मदर टेरेसा (1910-1997) (मैसेडोनिया में जन्म)
मदर टेरेसा ने गरीबी और संकट को दूर करने के लिए कई काम किए, जो शांति के लिए अभी भी खतरा हैं.
1989 भारत
तेनजिन ग्यात्सो, 14वें दलाई लामा (जन्म 1935) (तिब्बत में जन्म)
तेनजिन ग्यात्सो को तिब्बत की मुक्ति के लिए किए गए अहिंसक संघर्ष और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए सहिष्णुता और शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया था.
1991 बर्मा
आंग सान सू की (जन्म 1945) को लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए उनके अहिंसक संघर्ष के लिए दिया गया था.