नई दिल्ली : खाद्य तेल (Edible Oil ) की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने और जमाखोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को इसके भंडारण को लेकर आदेश जारी किया है. इसके तहत स्टॉक लिमिट को जारी पुराने आदेश को दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और खाद्य मंत्रालय के अनुसार रिटेल विक्रेता अब 30 क्विंटल तक स्टॉक रख सकेंगे. थोक विक्रेताओं के लिए भंडारण की सीमा 500 क्विंटल होगी और डिपो में 1000 क्विंटल तक खाद्य तेल रखने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा तिलहन के स्टॉक को लेकर नियम बनाए गए हैं. रिटेलर 100 क्विंटल और होलसेलर 2000 क्विंटल तक तिलहन रख पाएंगे. तिलहन से तेल निकालने वाले कंपनियों को 90 दिनों के लिए स्टॉक रखने की अनुमति दी गई है. अधिकारियों के अनुसार, एक्सपोर्टर्स और इंपोर्ट करने वाली फर्म को कुछ चेतावनियों के साथ इस आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है.
सरकार ने कहा कि दुनिया भू-राजनीतिक स्थितियों के कारण सभी खाद्य तेलों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो रही है. 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद खाद्य तेलों की कम हो रही उपलब्धता से चिंता बढ़ गई है. यूक्रेन से सनफ्लावर ऑयल की आपूर्ति बंद होने का असर इंडोनेशिया की निर्यात नीति पर पड़ा है, जिससे पाम तेल का आयात प्रभावित हुआ है. इसके अलावा, दक्षिण अमेरिका में फसल के नुकसान होने से सोयाबीन तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिसके कारण सोयाबीन तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है. सोयाबीन तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में महीने के दौरान 5% से अधिक और वर्ष के दौरान 42% से अधिक की वृद्धि हुई है. कच्चे और रिफाइंड दोनों प्रकार के पाम ऑयल की कीमतों में भी तेजी आई है.