नई दिल्ली:दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती द्वारा दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज यूएपीए मामले में उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दोनों की सात दिन की पुलिस रिमांड बरकरार रखी.
दरअसल, प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की पुलिस रिमांड 10 अक्टूबर को ही पूरी हो गई थी. इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने दोनों को 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. यह अवधि 20 अक्टूबर को खत्म होगी. फिलहाल दोनों तिहाड़ जेल में बंद हैं. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों पक्षों से मामले की विस्तार से सुनवाई के बाद गिरफ्तारी और पुलिस रिमांड को लेकर दाखिल याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को न्यूज़क्लिक के संपादक और एचआर प्रमुख को उनके खिलाफ दर्ज यूएपीए मामले में हिरासत में लेने के लिए पुलिस द्वारा दायर रिमांड आवेदन में गिरफ्तारी के आधार को शामिल करने में दिल्ली पुलिस की विफलता पर संक्षेप में सवाल उठाया था.
जस्टिस तुषार राव गेडेला ने कहा था कि प्रथम दृष्टया, यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत प्रतीत होता है. संभवतः निदेशकों के मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का जिक्र है. जाहिर है, रिमांड के लिए आवेदन में आप गिरफ्तार करने के आधार का खुलासा नहीं करते हैं. अदालत न्यूज़क्लिक के संपादक और इसके एचआर प्रमुख की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामले में उनकी गिरफ्तारी, रिमांड और उनके खिलाफ दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को चुनौती दी थी.
पोर्टल पर चीन से फंडिंग का आरोप: न्यूज़क्लिक के संस्थापक पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख चक्रवर्ती को न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख में लगाए गए आरोपों के मद्देनजर छापे की एक श्रृंखला के बाद गिरफ्तार किया गया. इन पर आरोप लगाया गया है कि न्यूज़क्लिक को चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए भुगतान किया जा रहा था. दोनों व्यक्तियों को बुधवार सुबह के शुरुआती घंटों में सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.
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