चंडीगढ़ :कोरोना वायरस की तीसरी लहर (third wave of corona virus) को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है. कोरोना की तीसरी लहर आएगी या नहीं? अगर आती है तो किस स्तर पर आएगी? क्या तीसरी लहर दूसरी लहर से ज्यादा घातक साबित होगी? क्या वैक्सीन लगने वालों पर इसका कम असर होगा? इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल ने खास बातचीत की.
प्रोफेसर सोनू गोयल (Prof. Sonu Goyal) ने कहा कि सबसे पहले समझना ये जरूरी है कि किसी महामारी की लहर होती क्या है? उन्होंने बताया कि जब किसी देश में कोई महामारी फैलती है तो वो धीरे-धीरे बढ़नी शुरू होती है. इसके बाद एक वक्त ऐसा आता है जब महामारी सबसे ज्यादा फैल रही होती है, लेकिन इसके बाद महामारी फैलना कम हो जाती है. इसका मतलब ये होता है कि महामारी की एक लहर खत्म हो गई है. अब जब इसके बाद महामारी फिर से फैलना शुरू होती है तो कहा जाता है कि महामारी की दूसरी लहर आई है.
प्रोफेसर सोनू गोयल से खास बातचीत कब आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर?
उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रीय स्तर पर होता है तो इसे महामारी की लहर कहते हैं. अगर किसी शहर या प्रदेश में ऐसा होता है तो उसे लहर नहीं कहा जाता. उन्होंने कहा कि अभी देश कोरोना की दूसरी लहर के अंत में पहुंच गया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि तीसरी लहर का आना लगभग तय है. उन्होंने कहा कि अगर लापरवाही बरती गई तो तीसरी लहर अगस्त के अंत में या सितंबर के शुरू में आ सकती है.
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सोनू गोयल ने कहा कि तीसरी लहर का आना तो तय ही है, लेकिन ये कितनी खतरनाक होगी. ये दो बातों पर निर्भर करता है. अगर लहर आने से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी हो, लोग कोरोना के नियमों का पालन कर रहे हो और लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई हो, तब ये लहर ज्यादा विकराल नहीं होगी और ये ज्यादा नुकसान नहीं पहुंच पाएगी.
इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ किया कि अगर लोग वैक्सीन नहीं लगाएंगे या कोविड नियमों का पालन नहीं करेंगे तो ये लहर दूसरी लहर की तरह तबाही मचा सकती है. धीरे-धीरे जैसे लॉकडाउन खुल रहा है और लोग जैसे-जैसे लापरवाह हो रहे हैं. उस हिसाब से तीसरी लहर ज्यादा घातक साबित हो सकती है.
वैक्सीन कोरोना की तीसरी लहर पर कितनी कारगर होगी?
इस सवाल के जवाब में प्रोफेसर सोनू गोयल ने कहा कि अभी इस बारे में बोलना जल्दबाजी होगा. ये साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वैक्सीन तीसरी लहर पर सौ फीसदी कारगर होगी या नहीं, क्योंकि अभी तक जितने भी स्ट्रेन सामने आए हैं. उन सभी में वैक्सीन कारगर साबित हुई है. हाल में सामने आए कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन पर भी वैक्सीन कारगर साबित हो रही है.
सोनू गोयल ने कहा कि कोरोना वायरस जल्दी-जल्दी अपना स्वरूप बदल रहा है. अगर तीसरी लहर में कोरोना के नए स्ट्रेन सामने आते हैं तब चिंता की बात है. ऐसे में नहीं कहा जा सकता कि वैक्सीन नए स्ट्रेन पर कितनी कारगर होगी. लेकिन फिलहाल तीसरी लहर से बचने का सिर्फ यही उपाय है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवाएं और कोरोना के नियमों का तबतक पालन करें जब तक कोरोना खत्म नहीं हो जाता.