पटना: मुंबई के बीएमसी चुनाव के मद्देनजर अब सभी पार्टियों की नजर उत्तर भारतीय वोट बैंक पर है. ऐसे में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे युवा नेता आदित्य ठाकरे (Shiv Sena leader Aditya Thackeray) का बिहार दौरा चर्चाओं में हैं. आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव इस मुलाकात को एक सामान्य और निजी भेंट (aditya thackeray meets tejashwi yadav in patna) बता रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या मुलाकात की वजह बीएमसी चुनाव तो नहीं.
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आदित्य-तेजस्वी की मुलाकात के क्या मायने ? : दरअसल, शिवसेना में बगावत के बाद से उद्धव ठाकरे के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण होगी. बता दें कि बीएमसी चुनाव में उत्तर भारतीय मतदाताओं को काफी अहम माना जाता है. ऐसे में राजनीतिक जानकार की माने तो आदित्य ठाकरे की तेजस्वी यादव से मुलाकात के पीछे मुंबई में आगामी बीएमसी चुनाव है, जो उत्तर भारतीयों के वोटों को प्रभावित करने के लिए है, जिनकी संख्या लगभग 50 लाख के आसपास है.
“बैठक के पीछे मुख्य कारण बीएमसी चुनाव और महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में उत्तर भारतीयों का वोट प्राप्त करना है. शिवसेना अब दो हिस्सों में बंट चुकी है और आदित्य ठाकरे भी जानते हैं कि मुंबई में उनका वह कद अब नहीं रहा, जो पहले हुआ करता था जब शिवसेना एक पार्टी थी. शिवसेना का एक हिस्सा बीजेपी के साथ जा चुका है और आदित्य के पास ये प्लान है कि अगर उन्हें उत्तर भारतीयों का साथ मिल जाए तो काफी बदलाव लाया जा सकता है. तेजस्वी न केवल ग्रेटर मुंबई में बिहारियों का प्रतिनिधित्व करेंगे, बल्कि पूरे उत्तर भारतीय लोगों का भी प्रतिनिधित्व करेंगे.”- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
क्या उत्तर भारतीयों को रिझाने मुंबई जाएंगे तेजस्वी? :उन्होंने आगे कहा, “उत्तर भारतीय वोट बैंक को खुश करने के उद्देश्य से आदित्य ने बीएमसी चुनाव में बढ़त हासिल करने के लिए तेजस्वी से मुलाकात की. जब भी दो राजनेता मिलते हैं तो हमेशा राजनीति होती है और उन्होंने तेजस्वी को मुंबई आने का न्यौता दिया है. तेजस्वी की राजनीति जिस तरह बीजेपी के इर्द-गिर्द घूमती है, उसी तरह बीजेपी आदित्य ठाकरे की भी सबसे बड़ी दुश्मन है. अगर तेजस्वी महाराष्ट्र में भाजपा को बेनकाब करेंगे तो उन्हें उत्तर भारतीयों का समर्थन मिलेगा.
शिंदे गुट ने बताया आदित्य का प्लान : इधर मंगलवार को एकनाथ शिंदे गुट के चाणक्य कहे जाने वाले नेता नरेश म्हस्के ने ठाणे की एक सभा में कहा था कि आदित्य ठाकरे के बिहार दौरे की वजह बीएमसी का आगामी चुनाव है. जिसमें उत्तर भारतीयों और खास कर बिहारियों की बड़ी तादाद में होने की वजह से चला गया यह दांव है. नरेश म्हस्के ने यह सवाल उठाता कि तेजस्वी यादव के पिता लालू यादव हमेशा बालासाहेब ठाकरे के आलोचक रहे. ऐसे में आज क्या लाचारी आई है कि उनके पोते आदित्य ठाकरे को लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव से मिलने बिहार जाना पड़ रहा है?