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हिमाचल प्रदेश : इस शनि मंदिर में दूर-दराज से आते हैं श्रद्धालु

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में शनि देव का मंदिर जिला मुख्यालय से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर नदी के किनारे स्थित है. यह मंदिर प्राचीन नदी इमला के किनारे पर स्थित होने के नाते ऐतिहासिक महत्व रखता है. मंदिर में शनि देव की मूर्ति स्थापित की गई है.

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Published : Feb 1, 2020, 9:07 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 7:56 PM IST

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मंडी जिले में शनि देव का मंदिर

मंडी : लोग ग्रहों की शांति और सुख समृद्धि की कामना के लिए हर शनिवार को शनि मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं. मान्यता है कि शनि देवता तुलादान, तेल, तिल, उड़द के चढ़ावे से प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. ऐसा ही शनि देव का एक मंदिर हिमाचल के मंडी में करीब दो किलोमीटर की दूरी पर इमला नदी के किनारे स्थित है.

दूर-दूर से श्रद्धालु तुलादान, तिल, उड़द व तेल चढ़ाने के लिए शनिवार के दिन यहां आते हैं. यह मंदिर प्राचीन नदी इमला के किनारे पर स्थित होने के नाते ऐतिहासिक महत्व रखता है. मंदिर में शनि देव की मूर्ति स्थापित की गई है. वहीं, यहां पर एक शिला भी है. जिस पर श्रद्धालु तेल चढ़ाते हैं. इस शिला को यहां के ग्रामीण सिंगनापूर की शिला की दृष्टि से देखते हैं.

इस शनि मंदिर में दूर-दराज से आते हैं श्रद्धालु,

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मंदिर के प्रांगण में एक पीपल का पेड़ भी है. ये पेड़ धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. लोग मनोकामना पूर्ण होने के लिए इस पेड़ की परिक्रमा करते हैं. शनि मंदिर में माघ महीने में विशेष पूजा-अर्चना होती है. दूर-दूर से लोग तुलादान करने के लिए शनि मंदिर में आते हैं. काले वस्त्र पहन कर श्रद्धालु अपने ग्रह उतारने के लिए पूजा करते हैं.

पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण कर ग्रह उतारने की रस्म पूरी की जाती है. मंदिर का निर्माण करीब खेमराज शर्मा द्वारा किया गया था. इस के निर्माण कार्य में करसोग के प्रधान हिरालाल गौतम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. आज यह मंदिर ऐसी आस्था का केंद्र बन गया है, जहां तुलादान के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. मनोकामना पूर्ण होने के बाद यहां श्रद्धालुओं द्वारा भंडारे का भी आयोजन किया जाता है.

Last Updated : Feb 28, 2020, 7:56 PM IST

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