नई दिल्ली : आगामी 8 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक दलों की रैलियां अधिक हो गई हैं.इस मसले पर ईटीवी भारत में राजनीतिक विशेषज्ञ सुरेश बाफना से बात की. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा घोषणा पत्र में 'मुफ्त सेवाएं' प्रदान करने के वादे और भाजपा द्वारा ध्रुवीकरण की राजनीति की जा रही है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है.
सुरेश बाफना ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शाहीन बाग एवं जामिया विश्वविद्यालय में हो रहे लगातार विरोध-प्रदर्शनों को राजनीतिक दल अपनी चुनावी रैलियों में मुद्दा बना रहे हैं.
बीजेपी नेताओं द्वारा यह प्रदर्शित किया जा रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सिर्फ मुस्लिम धर्म के ही लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, इसे धार्मिक मुद्दा बनाना बिल्कुल गलत है.
बाफना ने कहा कि प्रदर्शन करना अधिकार है, लेकिन रोड जाम करके दूसरों को परेशान करना भी गलत है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों को एक साथ बैठकर इस पर विचार करना होगा ताकि यह प्रदर्शन खत्म हो सके क्योंकि इसका असर अब देशभर में दिखने लगा है.
सुरेश के मुताबिक रैलियों में जिन नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर बयानबाजी की जाती है, वह एक अलग बात है. लेकिन साम्प्रदायिक टिप्पणियां करके वोट मांगने का आधार बिल्कुल गलत है.