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चीन से बातचीत के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान, दोनों पक्ष शांति से सुलझाना चाहते हैं मुद्दा

लद्दाख में भारत-चीन तनाव के बीच हुई सैन्य अधिकारियों की वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय ने आज बयान जारी किया. इसमें कहा गया कि गतिरोध सुलझाने और सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए दोनों देश सैन्य और कूटनीतिक जुड़ाव जारी रखेंगे.

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एस जयशंकर

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Published : Jun 7, 2020, 11:08 AM IST

Updated : Jun 7, 2020, 11:39 AM IST

नई दिल्ली : लद्दाख में भारत-चीन बीच गतिरोध को लेकर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की वार्ता हुई. इसके बाद आज भारत के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष स्थिति को सुलझाने और सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक जुड़ाव जारी रखेंगे.

रविवार को जारी बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में हालात के शांतिपूर्वक समाधान के लिए विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार काम करेंगे.

विदेश मंत्रलय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, 'दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और नेताओं के बीच बनी सहमति को ध्यान में रखते हुए हालात से शांतिपूर्ण तरीके से निपटने पर राजी हो गए हैं. नेताओं के बीच सहमति बनी कि भारत-चीन सीमा क्षेत्र में शांति द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है.'

यह सैन्य वार्ता चुशूल सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी सीमा की ओर माल्दो में 'बॉर्डर पर्सनल मीटिंग प्वाइंट' पर हुई.

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्षों ने माना कि इस साल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है और वे इस पर राजी हुए कि इस मसले के तत्काल समाधान से संबंधों का और विकास होगा. फलस्वरूप दोनों पक्ष स्थिति को हल करने तथा सीमा इलाके में शांति सुनिश्चित करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी रखेंगे.'

बयान में कहा गया कि नेताओं के बीच हुए समझौते को ध्यान में रखते हुए भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव बनाए रखना द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है.

दोनों पक्षों ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि इस वर्ष दोनों देशों (भारत और चीन) के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ मनाई गई. साथ ही इस पर सहमति व्यक्त की गई कि एक प्रारंभिक समाधान रिश्ते के विकास में योगदान देगा.

गौरतलब है कि शनिवार को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत हुई. इस संबंध में सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला कमांडर कर रहे थे. यह बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ माल्डो सीमा कर्मी बैठक स्थल पर हुई.

बातचीत के बारे में कोई खास विवरण दिए बिना, भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, 'भारत और चीन के अधिकारी भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में बने वर्तमान हालात के मद्देनजर स्थापित सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों के जरिए एक-दूसरे के लगातार संपर्क में बने हुए हैं.'

यह भी पढ़ें: भारत-चीन सीमा पर गतिरोध सुलझाने को शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने की बातचीत

सूत्रों ने कहा कि दोनों सेनाओं में स्थानीय कमांडरों के स्तर पर 12 दौर की बातचीत तथा मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत के बाद कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने पर शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर बातचीत हुई.

Last Updated : Jun 7, 2020, 11:39 AM IST

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