नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने चाबहार बंदरगाह परियोजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए बुधवार को लोक उपक्रम विभाग (डीपीई) के दिशानिर्देश से इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमटेड (आईपीजीएल) को छूट देने को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया.
पोत परिवहन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमटेड (आईपीजीएल) को डीपीई दिशानिर्देश से छूट देने को मंजूरी दे दी. हालांकि इसमें आरक्षण और सतर्कता नीति से छूट शामिल नहीं है और यह पहले की तरह लागू होगी.
ईरान में चाबहार के शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के विकास और प्रबंधन के लिए आईपीजीएल का गठन विशेष उद्देश्यीय इकाई के रूप में किया गया. जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) और दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट (डीपीटी) इसके प्रवर्तक थे.
संयुक्त व्यापक कार्य योजना से अमेरिका के हटने के बाद विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी पाबंदी के प्रभाव से बचने के लिए 29 अक्टूबर 2018 को पोत परिवहन मंत्रालय को जेएनपीटी और डीपीटी को हटाने की सलाह दी.
बयान के अनुसार, इस सुझाव के आधार पर तथा अधिकार प्राप्त समिति की मंजूरी के साथ जेएनपीटी एंड डीपीटी के सभी शेयर 17 दिसंबर 2018 को सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लि. (एसडीसीएल) ने ले लिए.