नई दिल्ली : बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ऐसा लगता है कि बुलडोजर पॉलिटिक्स (bulldozer politics), उन्हें काफी सूट कर सकती है, क्योंकि कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान बुलडोजर पॉलिटिक्स ने हिट करा दिया है. यही वजह है कि अब, भाजपा की कई सरकारें बुलडोजर पॉलिटिक्स को रिवाइव करने में जुट गई हैं. वह अपने-अपने राज्य में अवैध निर्माण पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने की योजना बना रहीं हैं. कहीं ना कहीं भाजपा को ऐसा लगता है कि बुलडोजर के माध्यम से ध्रुवीकरण भी हो रहा है. जब भी ध्रुवीकरण होता है तो उसका फायदा भी राजनीतिक पार्टियों को मिलता है. बुलडोजर के बहाने जिस तरह से तमाम धर्मनिरपेक्ष कहलाने वाली पार्टियां कांग्रेस के साथ लामबद्ध होती जा रही है और सरकार पर हमलावर है, यह स्थिति बीजेपी को सूट कर रही है.
गुजरात में भी चला बुलडोजर :हाल ही संपन्न हुए राज्यों के चुनाव में बुलडोजर के नाम पर काफी प्रचार हुए. अब बीजेपी शासित कर्नाटक राज्य में भी दंगा फैलाने वालों और अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ बुलडोजर अभियान चलाए जाने की बात चल रही है. इसी तरह उत्तराखंड में भी अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर चल रहे हैं. गुजरात की बात करें जहां इसी साल के अंत में चुनाव होने वाले है उसके महत्वपूर्ण शहर सूरत में नगर निगम ने गैंगस्टर आरिफ और सज्जू कोठारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके मकान और संपत्तियों को गुरुवार को ध्वस्त किया. प्रशासन का कहना था कि उन्होंने पुलिस की मदद से इन गैंगस्टर बंधुओं के दो से तीन मंजिला अतिरिक्त बनाए गए अनाधिकृत मंजिलों को गिरा दिया. सूत्रों की मानें तो इनमें से एक भाई की संपत्ति को पहले ही पुलिस ने सील कर दिया था और दूसरे पर कुछ दिनों पहले कार्रवाई की गई.
एक के बाद एक बीजेपी शासित राज्यों में दौड़ रहे बुलडोज़र कहीं ना कहीं विपक्षियों की नींद हराम कर रहे हैं. हालांकि साथ ही उन्हें राजनीति के लिए बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा भी मिल गया है. विपक्ष इस मुद्दे को किसी भी तरह हाथ से जाने नहीं दे सकता. यही वजह है कि एक के बाद एक जहांगीरपुरी में भी उन पार्टियों ने भी अपना प्रतिनिधि मंडल भेजा जिनका दिल्ली की राजनीति से कोई लेना-देना भी नहीं है.
अभी तक योगी आदित्यनाथ का नाम ही बुलडोज़र बाबा के तौर पर प्रचलित हुआ था. उन्होंने गैंगस्टरों के खिलाफ उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाए थे. योगी आदित्यनाथ के मॉडल ने बाकी राज्यों के बीजेपी नेताओं और मुख्यमंत्रियों को भी इसका अनुसरण करने को मजबूर कर दिया. मगर यह मामला तब तूल पकड़ा जब पिछले दिनों हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्रा के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी में कम्युनल टेंशन के बाद दूसरे दिन दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उत्तरी दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह को पत्र लिखकर इस इलाके में अवैध निर्माण को चिन्हित कर कार्रवाई की गुजारिश की. हालांकि इस मामले में अदालत ने हस्तक्षेप करते हुए फिलहाल इस पर रोक लगा दी लेकिन बुलडोजर तब तक चलते रहे जब तक लोगों के हाथ में अदालत की चिट्ठी नहीं आ गई. इस दौरान काफी मकान दुकान टूट चुके थे.
उत्तराखंड में भी चला बुलडोजर :उत्तराखंड में भी पिछले गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि जहां-जहां अवैध अतिक्रमण होंगे वहां बुलडोजर चलेंगे. इसी दौरान हरिद्वार, उधमसिंह नगर और हल्द्वानी में भी कई अवैध निर्माण गिराए गए थे. स्थानीय प्रशासन डाटाबेस तैयार कर रहा है, जिसमें लैंड माफियाओं के द्वारा अवैध तौर पर कब्जे की गई जमीन को भी खाली करवाए जाने की योजना बनाई जा रही है. इसी के तहत हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण एचआरडीए भी अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अप्रैल के दूसरे हफ्ते से ही अभियान चला रहा है.