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जब सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'रोज-रोज दिल्ली सरकार का ही झगड़ा...बस रहने दो' - AAP govt in SC

'आप' सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से संशोधित GNCTD एक्ट के खिलाफ सुनवाई के लिए फिर से अनुरोध किया है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने इसी याचिका का तत्काल सुनवाई के लिए 13 सितंबर को उल्लेख किया था और उस वक्त शीर्ष अदालत इसे सूचीबद्ध करने को सहमत हो गई थी.

GNCTD एक्ट
GNCTD एक्ट

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Published : Oct 6, 2021, 3:51 PM IST

Updated : Oct 6, 2021, 5:14 PM IST

नई दिल्ली :आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम, 2021 और कार्य संचालन नियम के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को फिर से अनुरोध किया. ये कानून और प्रावधान दिल्ली के उपराज्यपाल को कथित तौर पर अधिक शक्ति देते हैं.

इससे पहले दिल्ली सरकार ने इसी याचिका का तत्काल सुनवाई के लिए 13 सितंबर को उल्लेख किया था और उस वक्त शीर्ष अदालत इसे सूचीबद्ध करने को सहमत हो गई थी.

दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से आग्रह किया कि सुनवाई के लिए याचिका सूचीबद्ध की जाए.

पीठ ने कहा, 'एक दिन पहले एक वकील ने दिल्ली-केंद्र मामले का जिक्र किया. हर रोज हमें दिल्ली सरकार का ही मामला सुनना पड़ता है ? हम इसे सूचीबद्ध करेंगे, श्रीमान सिंघवी, इसे यहीं छोड़ दें... हम इसे उचित पीठ के समक्ष रखेंगे, बस रहने दीजिए.'

सिंघवी ने उनके द्वारा तत्काल सुनवाई के लिए उठाए गए मामले और वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा द्वारा मंगलवार को उठाए गए मामले के बीच अंतर स्पष्ट करना चाहा.

सिंघवी ने कहा कि वह एक रिट याचिका को सूचीबद्ध करने का अनुरोध कर रहे हैं जो अनुच्छेद 239एए (संविधान के तहत दिल्ली की स्थिति) से संबंधित है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली नियम, 1993 के कार्य संचालन के 13 नियमों को चुनौती देती है.

दिल्ली सरकार ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के माध्यम से अपनी याचिका में जीएनसीटीडी अधिनियम की चार संशोधित धाराओं और 13 नियमों को विभिन्न आधारों पर रद्द करने का अनुरोध किया है जैसे कि बुनियादी ढांचे के सिद्धांत का उल्लंघन, सत्ता का पृथक्करण क्योंकि उपराज्यपाल को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण मामले में पीठ गठित करेगा सुप्रीम कोर्ट

जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम, 2021 क्रमशः 22 मार्च और 24 मार्च को लोकसभा और राज्यसभा द्वारा पारित किए जाने के बाद लागू हुआ है. संशोधित अधिनियम के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा द्वारा बनाए जाने वाले किसी भी कानून में संदर्भित अभिव्यक्ति 'दिल्ली सरकार' का अर्थ उपराज्यपाल होगा.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Oct 6, 2021, 5:14 PM IST

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